मौसम के अचानक करवट बदलने से जहां क्षेत्र में करीब एक सप्ताह घने बादलों के बीच रह-रहकर पानी बरसता रहा। जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीर लाजमी थी। खैर, मौसम की बेरूखी को ब्रेक लगा और शनिवार से धीरे-धीरे साफ होना शुरू हुआ। इस दौरान खिली-खिली धूप के दर्शन भी हुए। लेकिन मौसम बदलने के साथ ही सर्दी-जुकाम समेत अन्य सामान्य बीमारियों ने लोगों को जकड़ लिया है। यही कारण रहा कि शासकीय अस्पताल में मरीजों की लंबी कतार लगी थी।
अनोखा तीर, हरदा। बेमौसम बारिश के कारण जहां आसमां में घने बादलों का डेरा था, वहीं मौसम भी ठंडा बना रहा। लेकिन, इसके बाद जब मौसम साफ हुआ तो लोगों का सर्दी-जुकाम सहित अन्य सामान्य बीमारियों से ग्रसित होने की बात सामने आई है। जिस वजह से जिला अस्पताल में एकाएक मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिसका नजारा ओपीडी के बाहर देखने को मिला। जहां मरीजों की लंबी कतार लगी थी। इस बारे में ओर अधिक जानकारी हासिल करने पर मालूम हुआ कि मौसम परिवर्तन की वजह से अधिकांश सर्दी-जुकाम के केस आ रहे हैं। जिनसे महिला-पुरूष के अलावा बच्चें भी शामिल हैं। उधर, डॉक्टर्स चेंबर में तैनात स्वास्थ्य अधिकारियों ने मरीजों की जांच कर उन्हें नियमित दवा लेने की सलाह दी है। साथ ही बुखार के मामलों में मरीजों से आवश्यक जांच कराने की बात कही। इसके अलावा डॉक्टरों ने मरीजों को मौसम परिवर्तन के बीच एहतियातन कुछ उपायों पर अमल करने की बात भी कही।
इनका रखें ध्यान
मौसमी बीमारियों से बचाव को लेकर डॉक्टरों ने कहा कि ऐसे समय पर पानी को उबालकर पीना चाहिए। वहीं बाजार की खाद्य सामग्री से दूरी बनाएं तथा दही-नींबू जैसी खट्टी चीजों का सेवन कम करें। इसके अलावा जहां तक हो बारिश में भीगने से बचें।
यह भी बेहद जरूरी
अपना घर तथा उसके आसपास एवं पानी की टंकी को पूरी तरह साफ रखें। इन सबके अलावा गड्ढे तथा घर की छत पर पानी रूका है तो उसे भी साफ जरूर करें। क्योंकि, ऐसे स्थान मच्छरों के लिए सुरक्षित ठिकाना है। इन्हें नजरअंदाज करना हानिकारक है।
इनका कहना…
मौसम में भारी बदलाव के कारण इस तरह की सामान्य बीमारियां आम बात हैं। बादल छटने के बाद एकाएक सर्दी-जुकाम के मरीज बढ़े हैं। जिनकी जांच कर दवाओं का वितरण तथा उचित सलाह भी दी जा रही है।
डॉ.मनीष शर्मा, सिविल सर्जन
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