कैलाश के आने से खिला कमल, संजय के हाथ को नहीं मिल जनता का साथ

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इंदौर। मतगणना के पहले ही राउंड से भाजपा के कैलाश विजयवर्गीय कांग्रेस के संजय शुक्ला पर भारी पड़े। विजयवर्गीय की लीड राउंड दर राउंड बढ़ती रही। पहले राउंड में जैसे ही विजयवर्गीय ने शुक्ला पर चार हजार से अधिक मतों की लीड बनाई, कांग्रेस खेमे में मायूसी छा गई। कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला सुबह करीब सात बजे ही समर्थकों के साथ स्टेडियम पहुंच गए थे।
वे मतगणना कक्ष के बाहर बेटे के साथ बैठे रहे और अपडेट लेते रहे। विजयवर्गीय मतगणना के दौरान स्टेडियम पहुंचे ही नहीं। वे शाम करीब चार बजे भाजपा कार्यालय पहुंचे। स्टेडियम के बाहर जमा समर्थक जरूर जोरदार आतिशबाजी करते रहे। पहले राउंड की घोषणा के बाद देर तक दूसरे राउंड की कोई सूचना जारी नहीं हुई तो स्टेडियम के बाहर विधानसभा क्षेत्र एक के परिणामों को लेकर चर्चा शुरू हो गई, लेकिन जैसे ही दूसरे राउंड के परिणाम घोषित हुए कयासों के बादल छंट गए। मतगणना के दौरान एक भी राउंड ऐसा नहीं रहा, जिसमें विजयवर्गीय की बढ़त को लेकर किसी तरह का संशय रहा हो। विजयवर्गीय खुद अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे।भाजपा कार्यालय में उन्होंने कहा कि इस चुनाव में सिर्फ एक फैक्टर था और यह था मोदी फैक्टर।
विनिंग फेक्टर
कैलाश विजवयर्गीय पार्टी का राष्ट्रीय चेहरा हैं। मतदाताओं को यह विश्वास था कि उनकी केंद्र में अच्छी पकड़ है और इसका सीधा फायदा क्षेत्र के विकास को मिलेगा। विजयवर्गीय के महापौर रहते हुए जनता उनके द्वारा शहर में किए गए विकास कार्यों को देख चुकी है। इसका भी फायदा विजयवर्गीय को मिला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रोड शो का एक बड़ा हिस्सा विधानसभा क्षेत्र एक से गुजरा, इसका फायदा पार्टी को मिला।
विधानसभा क्षेत्र एक में संगठन मतदाताओं को घरों से निकालने में सफल रहा। मतदान के ठीक पहले विधानसभा क्षेत्र के संगम नगर में कार्यालय के लिए जगह तय करना भी विजयवर्गीय के लिए फायदेमंद रहा। इससे जनता को यह विश्वास हो गया कि विजयवर्गीय स्थानीय हैं, बाहरी प्रत्याशी नहीं।

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