शुभ मुहूर्त में घरों घर उठे देव, लगे जयकारें

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अनोखा तीर, हरदा। देवउठनी ग्यारस के मौके पर गुरूवार को शुभ मुहूर्त में घरों घर देव उठाए गए। इस दिन घरों में गन्ने की झोपड़ी बनाकर भगवान विष्णु की आराधना की। वहीं देव गीतों के साथ चतुर्मास को विराम लगा है। इसी के साथ मंगल कार्यो की धूम रहेगी। जिसमें शादी-ब्याह , गृहप्रवेश समेत अन्य कारज शामिल हैं। जिन परिवारों में मंगल कार्य होना है, उनके घर परिवार में खासा उत्साह देखने को मिला। यही कारण रहा कि देवउठनी ग्यारस पर घर-आंगन को जहां आकर्षक रूप से सजाया गया, वहीं पूजा स्थल की भी फूलों से साज-सज्जा की थी। इसके अलावा घर के बाहर मनमोहक रांगोली भी उकेरी गई थीं। पंडितों के अनुसार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की ग्यारस तिथि को घर परिवार में माता तुलसी एवं भगवान शालिगराम की विधि विधान से पूजा की जाती है। साथ ही देवताओं से मंगल कार्यो के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पौराणिक मान्याओं के अनुसार देव पूजा का विशेष महत्व है। इसी के साथ शुभ कार्यो के लिए मुहूर्तो की श्रृंखला रहती है।

बोर, भाजी, आंवला – उठो देव सांवला….

देवउठनी ग्यारस पर मुख्यालय समेत ग्रामीण अंचलों में भी देव पूजा की धूम रही। इस मौके पर बोर, भाजी, आंवला – उठो देव सांवला एवं उठो देव – बैठो देव… जैसे देव गीतों के बीच देव उठाए गए। इससे पहले पूजास्थल पर गन्ने की झोपड़ी तैयार की थी। जिसके बीचों बीच पूजा की थाली रखी थी। जिसमें बोर, भाजी, आंवला, गन्ना सहित अन्य सामग्री रखकर देवता को प्रसन्न किया गया।

देर रात तक आतिशबाजी की गूंज

प्राप्त जानकारी के अनुसार देव उठाने के बाद परिवारजनों ने गौवंश की भी पूजा की। गौमाता को खीर-पुडी का भोग लगाकर आतिशबाजी की शुरूआत की। जिसके चलते चारों तरफ आसमां रंग-बिरंगा दिखाई दे रहा था। वहीं देर रात तक पटाखों की गूंज रही। यही क्रम ग्रामीण क्षेत्रों में भी रहा। इस दौरान घरों के बाहर दीप की श्रृंखला दिखाई दे रही थी। जिससे पूरा वातावरण जगमगा उठा।

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