मुख्यालय स्थित खाद्य प्रतिष्ठानों पर सुरक्षित पेयजल के अभाव में लोगों को अव्यवस्थाओं के बीच अपनी प्यास बुझाना मजबूरी बना हुआ है। क्योंकि, ऐसी जगहों पर जहां पलपात्र गंदगी से घिरे हैं , वहीं पानी तक अस्वच्छ दिखेगा, जो सीधे तौर पर बीमारियों को खुला आमंत्रण है।
अनोखा तीर, हरदा। जिला एवं तहसील मुख्यालय पर संचालित खाद्य प्रतिष्ठानों के अलावा नेशनल एवं स्टेट हाइवे पर चली रहीं दुकान व ढाबों पर असुरक्षित पेयजल का बोलबाला है। इन जगहों पर पेयजल व्यवस्था का ये हाल देखकर ऐसा लगता है जैसे लंबे समय से जलपात्रों की सुध नही ले रहे हैं। जिसके चलते दुकानों पर पेयजल स्थल के आसपास गंदगी का डेरा नजर आएगा। वहीं जलपात्रों पर काई छाई हुई दिखेगी। इन सबके बीच जलपात्रों में भरे पानी की शुद्धता सवालों के घेरे में आना लाजमी है। हालांकि, आवश्यक व्यवस्थाओं में शुमार पेयजल को लेकर जागरूक नागरिक जरा संकोच नही करते हैं। वे यह दृश्य देखकर जहां पेक्ड पानी का इस्तेमाल करना बेहतर समझते हैं , वहीं संबंधित दुकानदार को स्वच्छता का पाठ पढ़ाने से नही चूकते हैं। खैर, ये सब जागरूकता तथा जागरूकता के अभाव की बात है, जो सीधे तौर पर जनस्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा है। बावजूद इस तरह की घोर लापरवाही पर जिम्मेदारों का सख्त रूख देखने को नही मिल रहा है। अन्यथा , अब तक यह सुधार दिखाई देने लगता। जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र के अलावा मुख्य मार्गो पर संचालित होटल, ढाबा समेत अन्य छोटे खाद्य प्रतिष्ठानों पर यह लापरवाही पैर पसारे हुई है। जिस पर ध्यान नही देने के कारण लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है।