सहकारिता मंत्री अमित शाह जैविक उत्पाद को बढ़ावा देने पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करेंगे

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नई दिल्ली- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आईसीएआर कन्वेंशन सेंटर, पूसा, नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड द्वारा जैविक उत्पाद को बढ़ावा देने पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर अमित शाह का शुभारंभ और एनसीओएल सदस्यों को सदस्यता प्रमाण पत्र भी वितरित करेंगे। एक-दिवसीय संगोष्ठी के दौरान के उद्देश्यों, जैविक उत्पादों के महत्व के साथ-साथ छोटे और सीमांत किसानों के उत्थान में सहकारी समितियों की भूमिका पर भी चर्चा की जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” के विज़न के अनुरूप, भारत को जैविक उत्पादों में विश्व में अग्रणी बनाने के लिए की स्थापना एक राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्य सहकारी समिति के रूप में की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में सहकारिता मंत्रालय ने देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए पिछले 27 महीनों में 54 महत्वपूर्ण पहल की हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था, “मेक इन इंडिया”, “आत्मनिर्भर भारत” और “लोकल से ग्लोबल” की दिशा में जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समिति की स्थापना एक महत्वपूर्ण क़दम है।

का लक्ष्य जैविक उत्पादक किसानों और उत्पादक संगठनों को बाजार तक सीधी पहुंच प्रदान करते हुए उपज पर मुनाफा बढ़ाना है। एक मजबूत ब्रांड के तहत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच मिलने से के सदस्यों को उनकी जैविक उपज के लिए बेहतर रिटर्न मिल सकेगा।  के तहत, भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों के सहयोग से देशभर में विभिन्न सहकारी समितियों और संबंधित संस्थानों द्वारा उत्पादित जैविक उत्पादों की संपूर्ण का प्रबंधन करके एक संगठन के रूप में कार्य करेगा। यह सहकारी समितियों द्वारा उत्पादित जैविक उत्पादों के कार्य और इन्हें बढ़ावा देगा। कोई भी सहकारी समिति या व्यक्तियों की संस्था जो केन्द्रीय रजिस्ट्रार द्वारा अनुमोदित हो सदस्य बन सकती है। अब तक लगभग 2000 सहकारी समितियाँ सदस्य बन चुकी हैं या सदस्यता के लिए आवेदन कर चुकी हैं |

उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न गतिविधियों, जिनमें शोध एवं विकास और एक ज्ञान संग्रह केंद्र स्थापित करना शामिल हैं, के तहत कार्य किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, जैविक उत्पादों के उत्पादन में शामिल सहकारी क्षेत्र और संबंधित संस्थाओं को सहायता भी प्रदान करेगा, जिसमें वित्तपोषण, क्षमता निर्माण, तकनीकी मार्गदर्शन, मार्केट इंटेलिजेंस सिस्टम की स्थापना और रखरखाव आदि शामिल हैं।

संगोष्ठी के दौरान जैविक उत्पादन – समय की आवश्यकता, जैविक उत्पादों के लिए प्रमाणन प्रक्रिया और मानदंड, जैविक प्रमाणन प्रयोगशालाओं का महत्व आदि विषयों पर तकनीकी सत्र भी आयोजित होंगे। संगोष्ठी में सदस्यों, भारत सरकार/राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के अधिकारियों, बहु-राज्य सहकारी समितियाँ / वित्तीय संस्थाएं /सहकारी संघ/जिला सहकारी संघ/जैविक प्रमाणन निकाय और परीक्षण प्रयोगशालाएं, जैविक क्षेत्र के विशेषज्ञ और देश भर से अन्य जैविक उत्पादक हितधारक सहित 1000 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे और बड़ी संख्या में प्रतिभागी ऑनलाइन भी जुड़ेंगे|

मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट, 2002 के तहत पंजीकृत किया गया था। देश की तीन प्रमुख सहकारी समितियों- नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और भारत सरकार के दो प्रमुख वैधानिक निकाय राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने संयुक्त रूप से एनसीओएल को प्रमोट किया है।

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