अनोखा तीर, भैरूंदा। रबी सीजन शुरु हो चुका हैं और किसानों ने रबी की बुआई के लिए पलेवा करने खेतो को तैयार कर रखा हैं। कोलार नहर संभाग द्वारा क्षेत्र के 37 हजार हेक्टेयर रकबे में पलेवा व सिंचाई के लिए 6 नवंबर को नहरों में पानी छोड़ा जाएगा। लेकिन इस वर्ष किसानों को रबी सीजन में नहर से पलेवे के अतिरिक्त सिर्फ दो पानी सिंचाई के लिए दिया जाएगा। इसके पीछे कारण यह हैंकि इस वर्ष अल्पवर्षा व प्रशासन की लापरवाही के चलतें कोलार डेम पूरी तरह से भरा नहीं सका। विभाग के अनुसार इस वर्ष कोलार डेम में महज 87 फीसदी ही पानी का भंडारण हो पाया हैं। यदि जिला प्रशासन बरसात के दौरान कोलार डेम से पानी नहीं छोड़ता तो शायद किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो पाता, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण कोलार डेम के गेट खोल दिए गए, जिससे डेम में 87 फीसदी ही पानी भंडारित हो सका। ऐसी स्थिति में भोपाल शहर को पीने का पानी रिजर्व रखे जाने के बाद किसानों को पलेवे के अतिरिक्त सिंचाई के लिए सिर्फ दो बार ही पानी दिया जाएगा। विभाग के इस फरमान से किसानों की चिंता बढ़ गई हैं। उल्लेखनीय है कि अल्पवर्षा के चलतें इस वर्ष किसान खरीफ सीजन में सोयाबीन का उत्पादन एक से चार गुना तक ही ले पाए हैं। जिसके चलतें किसानों का सारा फोकस अब रबी सीजन में हैं। किसान रबी सीजन से खरीफ की भरपाई करना चाहता हैं। लेकिन किसानों को यहां भी राहत महसूस होती नजर नहीं आ रही हैं। रबी सीजन में सबसे अधिक रकबे में गेहूं की बुआई की जाती हैं, क्योंकि किसानों को गेहूं का उत्पादन लेने के लिए नहरों के माध्यम से पानी दिया जाता हैं। लेकिन अल्पवर्षा के कारण कोलार डेम में पानी का भंडारण 100 फीसदी न होकर 87 फीसदी ही हो सका हैं। ऐसी स्थिति में किसानों को पलेवे के अतिरिक्त दो पानी सिंचाई के लिए दिया जाएगा। इसके लिए विभाग 6 नवंबर को डेम का पानी नहरों में छोड़ेगा।
75055 हेक्टेयर में होगी बुआई
कृषि विकास अधिकारी व्हीएस राज ने बताया कि इस बार 75055 हेक्टेयर में रबी सीजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं। इसमें सर्वाधिक रकवा 50 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुआई की जाएगी। इसके अतिरिक्त पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष चने के रकवे में भी 5 हजार हेक्टेयर की वृद्धि की गई हैं। इस बार 22 से 25 हजार हेक्टेयर रकबे में चना, 24 हेक्टेयर में मटर, 2 हेक्टेयर में मसूर, 50 हेक्टेयर में सरसों, 2 हेक्टेयर में गन्ना व शेष रकवे में धना व मक्का का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें सबसे अधिक फोकस किसानों का गेहूं के साथ चने की और दिखाई दे रहा हैं। किसानों को बीज की किल्लत न हो इसके लिए इस वर्ष कृषि विभाग में 180 क्विंटल चने का बीज भी बुलाया गया है, जिसे किसानों को सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त गेहूं का बीज भी किसानों को दिया जा रहा है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लिए भी विभाग में बीज उपलब्ध हैं।