आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं, वह शहर के वाउर् क्रमांक १ स्थित नालियों का हाल है। जहां साफ-सफाई के अभाव में मानो नाली चोक हो चुकी हैं। यही वजह है कि कई स्थानों पर नालियां उफान मार रही हैं। जिसका पानी सड़क पर फैसले के कारण लोगों को आवागमन में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर इस तरह की समस्याओं को लेकर संबंधित नगर पालिका का जनस्वास्थ्य विभाग उदासीन नजर आ रहा है, अन्यथा इस जगह के अलावा अन्य वार्डो में सफाई व्यवस्था ध्वस्त दिखाई ना देती। खैर ये सब नगर प्रशासन की जिम्मेदारी है। परंतु यह भी सच है कि यह कमियां जहां स्वच्छता व्यवस्था को मुंह चिढा रही है, वहीं शहरी इलाकों में बीमारियों का कारण बनी हुई है। उधर, इन सबको लेकर आम जनमानस में नाराजगी व्याप्त है। उसे थामने अथवा मैदानी को अमले को अपनी जिम्मेदारियां का बोध कराने की जरूरत है। क्योंकि, जनता की मानें तो पहले ऐसा कभी नही हुआ कि सफाईकर्मी इतने अंतराल में नजर आते हैं। जबकि पूर्व में नियमित सफाई की तस्वीर लोगों की नजरों में है। यह फर्क क्यों ? यह विचारणीय होने के साथ साथ गौर करने वाली बात है। हालांकि, कचरा गाड़ी का भ्रमण तथा मुख्य मार्ग एवं प्रमुख स्थानों पर नियमित सफाई जारी है। किंतु , आंतरिक व्यवस्था बदहाल है
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