हजारों संविदाकर्मियों को सीएम का बड़ा तोहफा, होंगे नियमित, बढ़ेगी सैलरी

राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने संविदाकर्मियों को बड़ा तोहफा दिया है। गहलोत सरकार ने फैसला किया है कि राजस्‍थान के विभिन्‍न सरकारी कार्यालयों में कार्यरत संविदाकर्मियों को नियमित किया जाएगा। इसके लिए संविदा पर कार्यरत 10,528 कर्मियों को नियमित करने के लिए नये पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है, वही 4966 नए पदों को भी स्वीकृति दी गई है। दूसरे शब्दों में कहें तो अब इन कर्मचारियों की नौकरी भी पक्की होगी और उन्हें अन्‍य सरकारी कर्मचारियों की जैसी सुविधाएं भी मिल सकेगी।

सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विभिन्न कार्मिक वर्गों के लिए कई संवेदनशील निर्णय लिए हैं। इसी क्रम में गहलोत ने राज्य में राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट्स रूल्स- के अंतर्गत संविदा पर कार्यरत 10528 कार्मिकों को नियमित करने के लिए नए पदों के सृजन की मंजूरी दी है।मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी नरेगा योजना में कार्यरत 9 वर्ष या इससे अधिक का कार्यानुभव रखने वाले संविदा कार्मिकों हेतु संविदा पदों के स्थान पर 4966 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी है।

इन नवसृजित पदों में कनिष्ठ तकनीकी सहायक के 1698, ग्राम रोजगार सहायक के 1548, डाटा एंट्री सहायक के 699, लेखा सहायक के 622, एम.आई.एस. मैनेजर के 159, सहायक के 150, समन्वयक (अभिसरण एवं मूल्यांकन) के 48, समन्वयक (आई.ई.सी./प्रशिक्षण/पर्यवेक्षण) के 40 तथा प्रोग्रामिंग एवं एनालिसिस विशेषज्ञ व प्रोग्रामिंग विशेषज्ञ का 1-1 पद शामिल हैं। ये पद ग्रामीण विकास विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में होंगे।

इसी प्रकार सीएम गहलोत ने राजस्थान मदरसा बोर्ड में भी 9 वर्षों से अधिक का कार्यानुभव रखने वाले कार्मिकों को नियमित करने के लिए संविदा पदों के स्थान पर 5562 पदों के सृजन का फैसला किया है। नवसृजित पदों में शिक्षा अनुदेशक के 5220, कम्प्यूटर अनुदेशक के 215, कम्प्यूटर शिक्षा सहयोगी के 88 एवं शिक्षा सहयोगी के 39 पद शामिल हैं।

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