अनोखा तीर, हरदा। खरीफ सीजन की प्रमुख फसलें सोयाबीन और मक्का खेतों में लगभग पककर तैयार हो चुकी है। वहीं कई इलाकों में फसल कटाई का कार्य शुरू भी हो चुका है। किंतु , इस बीच मौसम की बेरूखी के चलते किसानों की परसी परसाई थाली पर संकट समान है। ऐसा इसलिये, क्योंकि गुरूवार को दिनभर फसलों पर संकट के बादल छाये रहे। जिसके चलते कई इलाकों में कटाई कार्य बाधित हुआ है। जबकि कुछ किसानों ने सुबह के फेर में बाजी मार ले गये। हालांकि, अब भी कई किसान ऐसे हैं, जिनकी फसल कटाई के लिये पूरी तरह तैयार है। अब ऐसे किसान एक बार फिर मौके की फिराक में हैं। किसानों के मुताबिक जरा बारिश होने से कटाई कार्य पर ब्रेक लग जाता है। वहीं अत्यधिक पानी बरसने की स्थिति में करीब 10 से 12 दिनों तक खेत में हार्वेस्टर की एन्ट्री नामुमकीन है। यही कारण है कि जिन खेतों में फसल पककर तैयार है, वे किसान मौसम को लेकर चिंतित हैं।
अर्ली वेरायटी की उम्र पूरी
किसान बताते हैं कि जिन किसानों अर्ली वेरायटी यानी कम दिनों की सोयाबीन बोई थी, उनकी फसल कटाई के लिये तैयार हो चुकी है। इनमें ९३०५, ९५६०, ब्लेक बोल्ड और २०३४ सोयाबीन का बीज शामिल है।
लंबी वेरायटी में पीलापन शुरू
लंबी वेरायटी मैदान में डटी हुई हैं। इनमें अधिकांश खेतों में फिलहाल पीलापन शुरू हुआ है, जो यह दर्शाता है कि फसल कटाई में 15 से 20 दिन का समय है। ऐसी किस्मों में २०१४, 2117, 2172, २०९८ आदि शामिल हैं।
7 से 8 क्विंटल प्रति एकड़ सोयाबीन
इधर, मुख्यालय से लगे खेतों में गुरूवार को सोयाबीन हार्वेस्टर से कटाई गई। इस दौरान 7 से 8 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन की बात सामने आई है। जबकि, किसान के मुताबिक जिस रकबे में कटाई हुई है, वह थोड़ा प्रभावित हुआ था। बावजूद उम्मीदों के अनुरूप सोयाबीन निकली है। वहीं अन्य रकबे में ओर बेहतर उत्पादन की आस जागी है। किसान हेमंत पांडे ने बताया कि गुरूवार सुबह हार्वेस्टर चलाया गया। इस दौरान कुल 5 एकड़ में लगी सोयाबीन निकाली गई। जो कि करीब 40 क्विंटल के आसपास निकली है। जबकि उक्त रकबे में सोयाबीन की फसल आड़ी हो गई थी। बावजूद अपेक्षकृत उत्पादन ने राहत प्रदान की है।