प्रतिबंधित दवाई खरीदने और महिला प्रताड़ना के मामले में उलझ सकते है अनूपपुर डीएफओ

 

गणेश पांडे, भोपाल। कैंपा फंड से प्रतिबंधित दवाइयां खरीदने और महिला उत्पीड़न के मामले में अनूपपुर डीएफओ सुशील प्रजापति के उलझने के संकेत मिले हैं। प्रजापति के खिलाफ जांच कर रही कमेटी के समक्ष वन मंडल में पदस्थ महिला ने उत्पीड़न के मामले में अपने बयान दर्ज कराए हैं। इसके अलावा एसडीओ और अन्य कर्मचारियों ने भी प्रतिबंधित दवाइयां खरीदने और अमर्यादित भाषा का उपयोग करने के संबंध में भी बयान दर्ज हुए है। वन विभाग ने डीएफओ प्रजापति के खिलाफ मुख्यालय पहुंची शिकायतों के आधार पर वन संरक्षक शैलेंद्र कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाकर 7 दिन के भीतर जांच प्रतिवेदन रोकने के निर्देश दिए हैं। मुख्यालय के आदेश जांच कमेटी मंगलवार को अनूपपुर में अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किया। सूत्रों ने बताया कि एक महिला ने डीएफओ के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने संबंधित बयान दर्ज कराए हैं। इसके अलावा एक एसडीओ समेत अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने प्रतिबंधात्मक दवाईयां से अन्य सामग्रियों की खरीदी नियम-विरूद्ध तरीके से करने से संबंधित दस्तावेज सहित अपने बयान दर्ज कराए हैं। मप्र सरकार ने क्लोरोपायरीफॉस दवा खरीदने पर प्रतिबंध लगाया है। जबकि अनूपपुर डीएफओ ने कैंपा फंड वनीकरण क्षतिपूर्ति के तहत यह दवाई भी खरीद ली है। खरीदी गई दवाइयों का भुगतान वन मंडल के वन परिक्षेत्राधिकारियों ने एमपी स्टेट कार्पोरेशन कंज्यूमर फेडरेशन लिमिटेड सागर को लगभग 15 लाख का भुगतान किया गया। अर्बन रोपण, जल ग्रहण, मिश्रित रोपण में इन दवाईयों का उपयोग किया जाना था। वनमंडलाधिकारी अनूपपुर ने श्याम ट्रेडर्स शहडोल से 9 लाख 81 हजार 374 रुपये का सामान खरीदा और खरीदे गए सामानों में ब्लोवर बीआर 6007 नग, फायर सूट थ्री लेयर 14 नग, सेफ्टी जूते 35 नग, सेफ्टी हेल्मेट 15 नग, फायर बैटरी 50 नग, सेफ्टी ग्लोवर 70 नग खरीदे गए।

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