प्रमुख 9 मांगों को लेकर प्राइवेट स्कूल संचालकों ने किया आव्हान
इन 9 मांगों को लेकर शिक्षक एकजुट
(1) सत्र 2022- 23 का आरटीई फीस प्रतिपूर्ति की राशि इस माह 25 सितंबर 2023 तक वन क्लिक के माध्यम से जारी की जाए।
(2) सत्र 2016 से 2021 तक पोर्टल प्रपोजल जमा करने हेतु पुनः खोला जाये। जो बच्चे पूर्व में अपात्र किये गये हैं। जिन्हें स्कूल से अकारण हटाया गया है। जिन बच्चों के प्रपोजल नहीं बन पा रहे है उनका भौतिक सत्यापन कराकर आरटीई का भुगतान अविलंब किया जाए।
(3) आरटीई की राशि अन्य राज्यों के बराबर दी जाये। सरकार पहले तो 10 प्रतिशत राशि बढ़ाकर आरटीई का भुगतान करती थी अब तो कटौती कर 5 प्रतिशत कर दिया। यह भेदभाव पूर्ण नीति बंद कर राशि बढ़ाई जाये।
(4) तीन साल स्कूल संचालन के बाद विद्यालयों को स्थाई मान्यता प्रदान की जाए।
(5) सरकार अपनी भेदभावपूर्ण नीति वापिस ले और शासकीय व अशासकीय स्कूलों के बच्ची को एकरूप से देखते हुए प्राइवेट स्कूलों के टॉप बच्चों को भी स्कूटी प्रदान की जाये साथ ही अन्य सरकारी योजनाओं में भी हमारे अशासकीय स्कूलों के बच्चों को भी शामिल करें।
(6) सरकार अपनी भेदभाव नीति वापस ले और शासकीय व अशासकीय स्कूलों के बच्चों को एकरूप से देखते हुए प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को भी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश में 5 प्रतिशत का आरक्षण प्रदान किया जाए।
(7) मप्र के प्राइवेट स्कूलों की समस्या के लिये प्रत्येक संबंधित विभाग/ मंत्रालय में एक समिति बनाई जाए। जिसमें 5 सदस्य अशासकीय संयुक्त मोर्चा के शामिल किये जाए।
(8) कक्षा 1 से 12 तक विद्यालयों हेतु रजिस्टर्ड किरायानामा पूर्ण रूप से समाप्त किया जाए एवं उस।स्थान पर नोटरीकृत किरायानामा को स्वीकृति प्रदान की जाए।
(9) कक्षा आठ तक के विद्यालयों की मान्यता हेतु इस वर्ष से लागू मान्यता शुल्क व एफ डी जमा करने के आदेश को वापस लिया जाए।
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