18 सितम्बर को बंद रहेंगे मप्र के सभी प्राइवेट स्कूल

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 प्रमुख 9 मांगों को लेकर प्राइवेट स्कूल संचालकों ने किया आव्हान

मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बैतूल को सौंपा ज्ञापन 
बैतूल। 18 सितम्बर को मप्र के सभी प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे। प्रमुख 9 मांगों को लेकर प्राइवेट स्कूल संचालक संघ ने शनिवार को मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बैतूल को ज्ञापन सौंपकर अशासकीय गैर अनुदान प्राप्त विद्यालयों की समस्याओं के समाधान करने की मांग की। स्कूल संचालकों ने बताया कि 25 सितंबर तक हमारी मांगे नही मानी गई, तो 27 सितंबर को भोपाल में शिक्षा स्वाभिमान रैली के साथ शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा। संगठन ने आरोप लगाया कि स्कूल संचालकों के अस्तित्व और प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। ये बच्चों के अधिकार की लड़ाई है, सभी को मिलकर लड़ाई लड़नी है।
सौंपे ज्ञापन में बताया गया कि सोसायटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर्स मध्यप्रदेश का प्रदेश स्तर पर रजिस्टर्ड संगठन है जो कि प्रदेश में संचालित अशासकीय शिक्षण संस्थानों के संचालन में आ रही व्यवहारिक समस्याओं को विभिन्न स्तरों पर निराकरण करते हुए प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता को बढ़ाने हेतु कार्य करता रहा है। हमारा रजिस्टर्ड संगठन प्रदेश के 52 जिलों में अशासकीय शाला संचालकों का संगठन है जिसमें सी.बी.एस.ई., आई.सी.एस.ई. एवं माध्यमिक शिक्षा मण्डल से मान्यता प्राप्त लगभग 21000 छोटे-बड़े- विद्यालय जुड़े हुए हैं। हमारा संगठन प्रदेश में प्रतिदिन प्रातः एक करोड़ लोगों तक सोपास सुविचार के माध्यम से सकारात्मक वातावरण निर्माण एवं कोविड के समय जागरूकता अभियान चलाने वाला एकमात्र संगठन रहा है।

इन 9 मांगों को लेकर शिक्षक एकजुट

 

(1) सत्र 2022- 23 का आरटीई फीस प्रतिपूर्ति की राशि इस माह 25 सितंबर 2023 तक वन क्लिक के माध्यम से जारी की जाए।

(2) सत्र 2016 से 2021 तक पोर्टल प्रपोजल जमा करने हेतु पुनः खोला जाये। जो बच्चे पूर्व में अपात्र किये गये हैं। जिन्हें स्कूल से अकारण हटाया गया है। जिन बच्चों के प्रपोजल नहीं बन पा रहे है उनका भौतिक सत्यापन कराकर आरटीई का भुगतान अविलंब किया जाए।

(3) आरटीई की राशि अन्य राज्यों के बराबर दी जाये। सरकार पहले तो 10 प्रतिशत राशि बढ़ाकर आरटीई का भुगतान करती थी अब तो कटौती कर 5 प्रतिशत कर दिया। यह भेदभाव पूर्ण नीति बंद कर राशि बढ़ाई जाये।

(4) तीन साल स्कूल संचालन के बाद विद्यालयों को स्थाई मान्यता प्रदान की जाए।

(5) सरकार अपनी भेदभावपूर्ण नीति वापिस ले और शासकीय व अशासकीय स्कूलों के बच्ची को एकरूप से देखते हुए प्राइवेट स्कूलों के टॉप बच्चों को भी स्कूटी प्रदान की जाये साथ ही अन्य सरकारी योजनाओं में भी हमारे अशासकीय स्कूलों के बच्चों को भी शामिल करें।

(6) सरकार अपनी भेदभाव नीति वापस ले और शासकीय व अशासकीय स्कूलों के बच्चों को एकरूप से देखते हुए प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को भी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश में 5 प्रतिशत का आरक्षण प्रदान किया जाए।

(7) मप्र के प्राइवेट स्कूलों की समस्या के लिये प्रत्येक संबंधित विभाग/ मंत्रालय में एक समिति बनाई जाए। जिसमें 5 सदस्य अशासकीय संयुक्त मोर्चा के शामिल किये जाए।

(8) कक्षा 1 से 12 तक विद्यालयों हेतु रजिस्टर्ड किरायानामा पूर्ण रूप से समाप्त किया जाए एवं उस।स्थान पर नोटरीकृत किरायानामा को स्वीकृति प्रदान की जाए।

(9) कक्षा आठ तक के विद्यालयों की मान्यता हेतु इस वर्ष से लागू मान्यता शुल्क व एफ डी जमा करने के आदेश को वापस लिया जाए।

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