पर्यावरण प्रहरी बन लोगों को जागरूक कर रहे धर्मेंद्र जौहरी
खंडवा- संस्कृति, संस्कार, परम्परा और पर्यावरण बचाने का ऐसा जुनून कि जब भी श्रीगणेशोत्सव आता है तो सोना तराशने वाले हाथ मिट्टी से सन जाते है। ये हाथ है संस्कृति, कला, धर्म और पर्यावरण प्रेमी व समाजसेवी धर्मेंद्र सोनी जौहरी के। पिछले सात वर्षों से कार्याशाला के माध्यम इन्होंने हजारों लोगों को मिट्टी के इकोफ्रेंडली गणेश बनाना सिखा दिया है और उनका यह अभियान अभी भी अनवरत जारी है। जौहरी द्वारा प्रतिवर्ष सीखने वाले लोगों और स्वयं के द्वारा हस्तनिर्मित सैकड़ों मूर्तियां नि:शुल्क भेंट करना भी सनातन संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान है। विशेष बात यह है कि आकर्षक गणेश प्रतिमा तैयार करने के आसान गुर सिखाने का काम पूरी तरह नि:शुल्क करते है। जौहरी की कला से प्रभावित होकर केबिनेट शिक्षामंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा उनकी प्रशंसा कर सम्मानित भी किया गया है। कई संस्थाओं द्वारा भी इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। देश की माटी की गणेश प्रतिमा लंदन तक जाना और नेत्रहीनजनों को प्रतिमा बनाना सिखाना, इस चुनौतीपूर्ण कार्य में 80 प्रतिशत सफल भी हुए। कोरोना काल में भी स्वयं के द्वारा निर्मित 151 गणेश प्रतिमा स्वजनों को भेंट की गई।
जौहरी ने बताया कि उद्देश्य यही है कि हर घर माटी की प्रतिमा स्थापित हो। माटी पवित्र एवं घुलनशील के साथ पर्यावरण को नुकसान नहीं होता। गतवर्ष भी संस्थाओं सहित स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी सहित 21 स्थानों के आमंत्रण पर नि:शुल्क माटी के गणेश प्रतिमा बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इस महाअभियान में पत्नी आरती जौहरी, भाई मनोज जौहरी, चांदनी जौहरी परिवार का साथ ही सुरेन्द्रसिंह सोलंकी, तनुजा शाह, स्वेता गोयल, राशि सोनी, तन्वी जोशी, सन्ध्या दुबे, मनीषा पाटिल आदि इस सेवा कार्य में प्रतिमा को अंतिम रूप और जीवंत रूप देने का कार्य बखूबी करते हैं। जिससे प्रतिमा सुंदर और आकर्षक रूप लेती है। इस अभियान में जेसीआई संस्था का उत्साहवर्धन साथ हर साल मिलता है और संस्था के द्वारा ही माटी गणेश प्रतिमा का वितरण होता है। इस बार कार्यशाला रामगंज स्थित मधुरम भवन पर रात्री में 8.30 से 10.30 तक चल रही है।
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