आध्यात्मिक क्रांति की अग्रदूत थी प्रकाशमणि दादी- ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी

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देवास- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय कालानी बाग सेंटर में प्रकाशमणि दादी की 18वीं पुण्यतिथि मनाई गई। जिले की मुख्य संचालिका  प्रेमलता दीदी ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि दादीजी प्रकाशमणि ने ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका के रूप में नियुक्त होते ही संस्था की आध्यात्मिक क्रांति ने जोर पकड़ा। आध्यात्मिक क्रांति की अग्रदूत थी प्रकाशमणि दादी। देवदूत के रूप में उभरी और संस्था का सुचारू रूप से संचालन किया। नैसर्गिक प्रतिभा, सहज वृत्ति व दिव्य दृष्टि के आधार पर दादी ने अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की। वे सदैव स्वयं को ट्रस्टी और निमित्त समझ कर चलती थी। शांति दूत पुरस्कार तथा मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें डायरेक्टरेट की उपाधि प्राप्त हुई। दादीजी एक ज्योतिषी के घर जन्मी थी। 1936 में ब्रह्माकुमारी बन मानव कल्याणार्थ आध्यात्मिक सेवा में लग गई। उन्होंने देह त्याग कर सम्पूर्णता को प्राप्त किया।

परमात्मा शिव के सानिध्य में राजयोग की गहन साधना कर आत्मिक बल अर्जित किया। विदेशों में जाकर लोगो को राजयोग मेडिटेशन प्रशिक्षण दिया। 1976 में टीवी चेनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन मुंबई में किया। 1981 में द ओरिजिनल ऑफ पीस कॉन्फ्रेंस का आयोजन नैरोबी में किया। 13 देशों में जाकर दादी ने लोगों को मेडिटेशन द्वारा आध्यात्मिकता से लोगों को जोड़ा। मां चामुंडा सेवा समिति के रामेश्वर जलोदिया, उम्मेद सिंह राठौर, नरेंद्र मिश्रा, दिनेश सावलिया, इंदरसिंह गोड, चावड़ाजी,, सत्यनारायण पांचाल, भगवान रावल, मंजू जलोदिया, संस्था सदस्य मनीषा बहन, अपुलश्री बहन, हेमा बहन, एकता बहन, सपना धवल, रत्न प्रभा बहन, विवेक भाई, राम भाई आदि ने दादी जी को पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।

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