यह बात गलत है….

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आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं, वह शहर के नेहरू पार्क के सामने का दृश्य है। जहां प्रवेशद्वार पर अव्यवस्थाओं का नजारा दिखेगा। यहां लगे विद्युत पोल पर जहां निजी संस्थाओं की प्रचार सामग्री लटकी हुई है, वहीं द्वार के सामने वाले मार्ग पर पानी बहतर रहता है। जिस वजह से राहगिरों के साथ-साथ पार्क आने-जाने वाले लोगों को खासी असुविधाएं होती हैं। इस बीच वाहनों की आवाजाही के कारण पानी के छींटे उड़ते हैं। इस संबंध में नागरिकों का कहना है कि नेहष् पार्क शहर का एकमात्र बड़ा गार्डन है। जहां चारों तरफ से लोग पहुंचते हैं। खासकर सुबह और शाम वरिष्ठ नागरिकों की चहलपहल रहती है। ऐसे में पार्क के आसपास व्यवस्थाएं दुरूस्त होनी चाहिये, ताकि किसी भी नागरिक को असुविधा ना हो। इसके लिये जरूरी है कि प्रवेशद्वार के इर्दगिर्द अतिक्रमण ना फैले। खंबे पर लटकी प्रचार सामग्री समेत कीचड़ भरे माहौल से निजात मिले, साथ ही पाॄकग का पुख्ता इंतजाम आवश्यक है। क्योंकि, इन सबके अभाव में पार्क के आसपास सुविधा नगण्य दिखाई देती है। जिससे दो-चार करने वाले लोग कह ही देते हैं, कि यह बात गलत है।

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