अनोखा तीर, हरदा। सहारा इंडिया सहकारी समिति व सहारा क्रेडिट सहकारी समिति से बैंकों से अधिक ब्याज राशि व कम अवधि में जमा राशि डबल होने की लालच में उपभोक्ताओं द्वारा जमा की गई राशि वापस मांगने पर कई वर्षों से टाल-मटोल किया जा रहा था, मगर अब उपभोक्ता आयोग के आदेश के बाद इन सभी लोगों को अपनी जमा राशि ब्याज सहित वापस मिलेगी। यह आदेश आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश जेपी सिंह व सदस्य श्रीमती विभा पाण्डे द्वारा दिया गया। एडवोकेट दिनेश यादव ने बताया कि खिरकिया के सात व हरदा के एक व्यक्ति द्वारा सहारा इंडिया की सावधी जमा योजना व अन्य योजना के प्रचार-प्रसार से प्रभावित होकर अपनी मेहनत की जमा राशि सहारा इंडिया की शाखाओं में अधिक ब्याज व मूल राशि डबल करने की अपेक्षा में जमा कर दी। जब समय अवधि समाप्त हो गई तथा उपभोक्ताओं ने अपनी राशि अनुबंध के अनुसार ब्याज सहित वापस मांगी, तो सहारा इंडिया के कर्मचारियों द्वारा हिला-हवाला किया जाता रहा, तब इन लोगों ने उपभोक्ता आयोग में अपना प्रकरण दर्ज कराया। उपभोक्ता आयोग द्वारा दिए आदेश में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के आदेशों का उल्लेख करते हुए इन सभी आवेदकों को उपभोक्ता माना तथा उनके द्वारा जमा मूल राशि ब्याज सहित वापस करने के आदेश दिये। इस आदेश से हरदा के भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व अधिकारी बलराम जोशी को 11 लाख, सचिन पालीवाल को 80 हजार एवं खिरकिया के जगजीवन राठौर को 2 लाख, शांतिलाल राठौर को 25 हजार, वृजेन्द्र कनोजिया को 75 हजार, विलास पिता कैलाश को 55 हजार, गौरीशंकर राठौर को 2 लाख रुपए मूल व ब्याज सहित मिलेंगे। इस आदेश से सहारा इंडिया के उन सभी पीड़ित उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, जिनकी मेहनत की राशि सहारा इंडिया की योजनाओं में फसी पड़ी है और जो निराश हो चुके हैं।
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