वन मंत्री डॉ कुँवर विजय शाह ने घोर मंथन के बाद लिया निर्णय आदेश जारी
पूरे प्रदेश में वन विभाग द्वारा पौधारोपण में 50% मिश्रित प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे
खंडवा – पुरानी कहाबत है जहाँ चाह वहाँ राह ऐसे ही एक अध्भुत व्यक्तित्व मप्र में है वो है वन मंत्री डॉ कुँवर विजय शाह जो अपने साहस और जुझारूपन के लिए जाने जाते है।हमेशा अपने विभाग के बारे में नए नए प्रयोग करके आज मप्र का नाम समूचे विश्व मे कर चुके हे । समाजसेवी प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि एक बार फिर वन मंत्री डॉक्टर कुंवर विजय शाह ने देखा कि वन्यजीव गांव शहर की तरफ क्यों आते है साथ ही जंगल की कटाई क्यों होती है?इस पर विचार मंथन कर अधिकारियों को आदेश दिया कि वनों में अब ऐसे पौधों को लगाया जाय जिससे वन्य जीवों को खाना भी मिले साथ ही जैव विविधता बनी रहे जिससे जंगल हरे भरे रहते हुए वन्यजीवों को खुश रख सके। तब वन मंत्री श्री शाह ने वन विभाग को दिये गए दिशा निर्देश पर पत्र के माध्यम से अपर प्रधान मुख्य वन सरंक्षक(विकास) डॉ. यू.के.सुबुद्धि मप्र भोपाल ने आदेश जारी किया जिसमें समस्त मुख्य वन संरक्षकों और वन मंडल अधिकारियों को सूचित किया गया कि विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हो रहे पौधारोपण में 50%मिश्रित प्रजाति के पौधे लगाए जाएं।
वन मंत्री श्री शाह ने कहा कि प्राचीन काल में हमारे राजा महाराजा ने जंगलों को इसी सोच पर तैय्यार किया था कि जिससे जंगल की हरियाली भी बनी रहे और वन्यजीव भी अपना पेट भरते रहें ।पर अंग्रेजो ने बेतहाशा जंगलों की कटाई करवा दी और हमारा विभाग सागौन का वृक्षारोपण करता आया उस सागौन का बीज भी कोई काम का नहीं रहता वन्यजीव के लिए इसलिए आये दिन खबर मिलती थी कि गांव में शेर आ गया भालू आ गया बन्दर आतंक मचा रहे तब हमने विचार किया ऐसा क्यो हो रहा तो सबसे बड़ी बजह सामने आई अधिकांश क्षेत्र में वन्यजीव अपना पेट भरने के लिए परेशान होते है क्योंकि उनको खाने को कुछ नहीं बचता तब हमने ये निर्णय लिया, इससे वन भी हरे भरे रहेंगे और वन्यजीव भी रहेंगे, आने वाली कोई भी पीढ़ियां इन जंगल को नहीं काट सकती क्योंकि सागौन के अलावा कोई लकड़ी काम की ही नहीं होती। इस बात से स्पस्ट होता है कि मन लगाकर जन,जंगल,जमीन की भलाई के लिए सोचा जाए तो राह निकल ही आती है। मंत्री डॉ कुँवर विजय शाह के इस ऐतिहासिक निर्णय की चंहु ओर प्रशंशा हो रही।
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