अनोखा तीर, हरदा। वर्षों पूर्व प्रख्यात लेखक मुंशी प्रेमचंद द्वारा किसानों के कर्ज में पैदा होने और कर्ज में ही मर जाने की दास्तां आज भी बदस्तूर जारी है। गोदान का वह गरीब किसान होरी आज भी हमारे आसपास मिल जाएगा, जो पूरी जिंदगी कर्ज नहीं चुका पाता। जिले में अनेकानेक बार ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें गरीब किसानों और आमजनों को सूद के जंजाल में आकर अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा है। बहरहाल अब जिला और पुलिस प्रशासन इस मामले में सजग हुआ है और ऐसे सूदखोरों पर शिकंजा कसने की कार्रवाई शुरू की है।
किसान की आत्महत्या पर चेता प्रशासन
जानकारी के अनुसार बीते सप्ताह जिले के खिरकिया विकासखंड अंतर्गत ग्राम डगांवांशंकर में ऐसे ही एक किसान ने सूदखोरों से तंग आकर अपने जीवन की इहलीला समाप्त कर ली थी। इस मामले के तूल पकड़ने पर पुलिस विभाग को सजग होकर कार्रवाई करनी पड़ी। जानकारी के अनुसार ग्राम डगांवांशंकर के किसान राजेश पिता लक्ष्मीनारायण करोड़ ने कुछ लोगों से लिया कर्जा न चुका पाने के कारण उनकी प्रताड़ना से तंग आकर जहरीली वस्तु खा ली। हालत बिगड़ने पर जब उन्हें शासकीय अस्पताल हरदा लाया गया तब इलाज दौरान मृत्यु हो गई। इस घटना के मद्देनजर पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया। इसमें मृतक राजेश करोड़े के पुत्र धर्मेंद करोड़े, वीरेंद्र करोड़ एवं भाई जगदीश करोड़ के बयान दर्ज किए गए। इसके अलावा मृतक के मोबाईल से प्राप्त दुर्गेश कुशवाहा, शाबिर खान, कालू चाचा द्वारा परेशान करने के फोटोग्राफ की जांच की गई। मृतक के पुत्र धर्मेंद्र व वीरेंद्र तथा भाई जगदीश के कथनों से घटना दिनांक को बुद्ध बलाई व शाबिर खां का मृतक के घर जाना तथा मृतक राजेश से रूपए मांगना, दो दिन में न देने पर मकान में ताला बंद करने की धमकी देना, बार-बार मोबाईल फोन कर परेशान करना तथा कुछ साल से गांव के रामस्वरूप तंवर से उसकी जमीन खोट पर लेना तथा स्वयं की भी पांच एकड़ जमीन में खेती करना, उक्त पांच एकड़ खेती में से भी अशोक गुजर व पंढरी राजपूत द्वारा दो-दो एकड़ की रजिस्ट्री करवा लेने की जानकारी भी परिजनों ने दी। इन लोगों के कर्ज के टेंशन में आकर जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मामले में कथनों और साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने आरोपी दुर्गेश कुशवाहा, शाबिर खान, कालू चाचा व अन्य के खिलाफ मध्यप्रदेश ऋणियों का संरक्षण अधिनियम अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई।
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