अनोखा तीर, हरदा। 2 एकड़ जमीन बेचकर सब कर्ज चुका देना। बेटों, मैं तुम्हारे लिए कुछ नहीं कर पाया। वीडियो में इतना कहकर हरदा के एक किसान ने जहर खा लिया। उसने साहूकारों पर परेशान करने का आरोप लगाया। रविवार को जब परिजनों ने किसान का मोबाइल देखा तो उसमें वीडियो मिला। एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें किसान ने कर्जदारों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे हैं। हरदा जिले के डगावाशंकर गांव में किसान राजेश पिता लक्ष्मीनारायण करोड़े ने 7 जून को सल्फास खा लिया था। पहले उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। हालत में सुधार नहीं होने पर किसान को निजी अस्पताल ले जाया गया। शुक्रवार को तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर फिर जिला अस्पताल लाया गया, जहां दोपहर 12 बजे किसान की मौत हो गई। किसान के बेटे वीरेंद्र करोड़े ने बताया कि पिता पर करीब 40 लाख रुपए कर्ज था। कर्ज चुकाने पिताजी ने पैतृक 10 एकड़ जमीन भी बेच दी थी। इसके बावजूद साहूकारों का हिसाब नहीं हो पाया था। वे रोजाना तकादा कर रहे थे। इससे ही परेशान होकर पिता ने यह कदम उठाया है। किसान ने एक सुसाईड नोट भी लिखा था। जिसमें उसने अपने परिवार को कहा है कि भगवान से मेरे लिए प्रार्थना करना।
किस किसको देना है कर्जा
2 मिनट 18 सेकंड के वीडियो में किसान राजेश करोड़े कह रहा है, किशोर भैया का एक लाख, चिंता जीजी का 60 हजार, मीरा को 80 हजार, बुद्धिलाल को 4 लाख 50 हजार, दाई मामा को 50 हजार, मम्मू तार को एक लाख रुपए, भरत को 80 हजार (मूल दे दिया ब्याज बाकी। प्रकाश सोमानी का 2 लाख 30 हजार, अशोक साहू को 24 लाख 50 हजार रुपए ब्याज सहित देना है। 2 एकड़ जमीन उसके नाम कर देना। जमीन बड़े पापाजी को दे देना। इतना कहते ही किसान रोने लगता है। इसके बाद आंसू पोंछकर फिर कैमरे के सामने आता है और कहता है कि 2 एकड़ 20 डिस्मिल…(रोते हुए) सब कर्जा दे देना। बेटों तुम्हारे लिए मैं कुछ नहीं कर पाया।
कर्जे के लिए यह कर रहे परेशान
किसान ने सुसाइड नोट में 3 लोग साबिर खान, दुर्गेश कुशवाहा, कालू चाचा का जिक्र करते हुए लिखा है कि ये बहुत परेशान कर रहे हैं।
किसान ऐसे फंसते गया कर्ज के जाल में
किसान के छोटे बेटे धर्मेंद्र ने बताया कि मेरी दादी को कैंसर है। दादा की उम्र 75 साल के आसपास है, उनके दिव्यांग होने के चलते इलाज के लिए काफी रुपए लोगों से उधार ले रखे थे। ब्याज की दर बहुत अधिक थी। एक को चुकाने के लिए दूसरे से कर्ज लेना पड़ता था। इस तरह पिता पर काफी कर्ज हो गया। इंदौर में बड़े भाई की पढ़ाई के लिए भी हर महीने रुपए भेजने होते थे।
Views Today: 2
Total Views: 62