सलकनपुर बनेगा धर्म व अध्यात्म का केन्द्र, देवी लोक की परिकल्पना होगी साकार 

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गजेन्द्र खंडेलवाल(सोनू), भैरुंदा (नसरुल्लागंज)। 31 मई का दिन क्षेत्र ही नहीं बल्कि प्रदेश के लिए अविस्मरणीय होगा। इस दिन देवीधाम सलकनपुर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 52 शक्ति पीठों के महंत एवं संतो की मौजूदगी में देवी लोक की आधारशिला रखेगें। इस दौरान संतो के द्वारा सभी शक्ति पीठों की पवित्र मिट्टी के भरे हुए कलश सीएम को भेंट किए जाएंगें। जिन्हें देवीलोक निर्माण की नींव में उपयोग कर विधिवत शुभारंभ किया जाएगा। मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल लोक के बाद सलकनपुर में देवी लोक की परिकल्पना साकार रुप लेने जा रही हैं। 200 करोड़ की लागत से बनने वाले देवी लोक का निर्माण होने से प्रदेश अब धर्म, अध्यात्म व पर्यटन के क्षेत्र में तेज गति के साथ आगे बड़ेगा। यहां पर चौंसठ योगिनी प्लाजा, नवदुर्गा कारिडोर,नौ देवियों के रुपों एवं शास्त्रों में वर्णित कथाओं को प्रर्दशित किया जाएगा। सलकनपुर में देवी लोक के निर्माण में सीहोर जिले के प्रत्येक परिवार की भागीदारी हो इसे ध्यान में रखते हुए प्रत्येक गांव तक मां विजयासन की चरण पादुका पहुंचाई गई हैं। हर गांव में चुनरी एवं शिला यात्रा के आयोजन किए गए हैं,और धर्म व आस्था के समागम के बीच प्रत्येक गांव से शिला (ईंट) की पूजा अर्चना कर सौंपी गई हैं। आज सोमवार से सलकनपुर में 3 दिवसीय भव्य आयोजन शुरु होगा। देवीलोक के आयोजन एवं रुपरेखा पर स्वंय मुख्यमंत्री निगाह रखे हुए हैं। उन्होनें आगे रहकर इस पूरे प्रोजेक्ट को तैयार करवाया हैं।

मां विजयासन सहित देवी के नौ रुप और 64 योगिनी के होगें दर्शन 

सलकनपुर में पर्यटक सुविधाओं के साथ-साथ देवी विंध्यवासिनी के विभिन्न स्वरूपों का चित्रण पत्थरों पर किया जाएगा। यहां पर देवी के नौ स्वरूपों को कहानी तथा श्लोक के माध्यम से बताया जाएगा। भगवान भोले नाथ की विशालकाय प्रतिमा भी यहां पर ध्यान की मुद्रा में लगाई जाएंगी। देवीलोक में 64 योगिनी प्लाजा वृत्ताकार निर्मित किया जाएगा। जिसमें 64 योगिनियों के विभिन्न आयामों को म्यूरल के रूप में बताया जाएगा। देवी के विभिन्न स्वरूपों को प्रदर्शित करने की इस कल्पना को मध्यप्रदेश के भेड़ाघाट तथा उड़ीसा के हीरापुर से लिया गया है। इसके अतिरिक्त मंदिर के मुख्य द्वार के पास सप्त मातृका को मूर्ति तथा म्यूरल आर्ट के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। प्रतिक्षा कक्ष की छत पर महाविद्या थीम पर मां काली, तारा, छिन्नमस्ता, सुंदरी, बगुला मातंगी, भुनेश्वरी, सिद्ध विद्या, भैरवी एवं धूमावती की झांकियां मूर्ति एवं म्यूरल आर्ट के रूप में रहेंगी। माता विजयासन मंदिर के मुख्य द्वार को लाल पत्थरों से सौंदर्यीकरण कर मां दुर्गा के विभिन्न श्लोक म्यूरल एवं संकेतों से सुसज्जित किए जाएंगे । प्रवेश द्वार के समीप फाउंटेन भी तैयार होगा।

राजस्थान के लाल पत्थरों से होगा तैयार 

देवीलोक का निर्माण राजस्थान के लाल पत्थरों से होगा। संभवतः पत्थरों की नक्कासी एवं डिजाइनों के लिए राजस्थान के कारीगर यहां दिन रात काम करेंगे। इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में दो वर्ष का समय अनुमानित हैं। देवीधाम के मुख्य मंदिर से बीच पहाड़ो में विराजे भगवान भोलेनाथ के मंदिर तक देवी लोक तैयार किया जाएगा। जिसकी दूरी डेढ़ किलोमीटर लंबी हैं। मंदिर के नीचे सीढ़ी मार्ग के प्रारंभ में प्रवेश द्वार एवं सरोवर(तालाब) के मध्य भक्ति मार्ग के रूप में एक स्थान निर्मित किया जा रहा है। जिसमें श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके अलावा विद्युतीकरण इल्यूमिनेशन सुरक्षा की दृष्टि से पिए सिस्टम सीसीटीवी भी लगाए जाएंगे।

 पर्यटन की दृष्टि से मिलेगा बढ़ावा

 देवी लोक का निर्माण धर्म, अध्यात्म व पर्यटन को बढ़ावा देगा। क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, सलकनपुर से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नर्मदा तट आंवली घाट सहित पुराणों में उल्लेखित कई तट हैं। देवीलोक की 50 किलोमीटर की परिधि में टपकेश्वर महादेव, सारुमारु प्राचीन मठ परिसर एवं बौद्ध गुफाओं का पुरातात्विक स्थल, रातापानी अभ्यारण, गिन्नौरगढ़ किला ,कोलार डेम, अमरगढ़ वाटर फाल, रूद्र धाम आश्रम,कोलार नर्मदा संगम स्थल,सातदेव में सप्तऋषियों की तपोभूमि, छीपानेर में दादाजी धूनी वाले का मठ वही नर्मदा के दूसरे छोर पर चिचोट कुटी, वासुदेव स्थित रामानंद धाम,मेहरुगांव में विजयासन देवी की बड़ी बहन का स्थल सहित कई पर्यटक स्थल मौजूद हैं।

 वर्तमान में विकास एवं सौंदर्यीकरण के कार्य

 मुख्यमंत्री ने सलकनपुर में गत वर्ष मई माह में 43 करोड़ रूपए के निर्माण के कार्यों का भूमि पूजन किया था। यहां पहाड़ी के ऊपर दुपहिया एवं चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग, प्रवेश द्वार,शिव मंदिर पहुंच मार्ग पर पाथवे,मंदिर परिसर में गेट ग्रिल तथा वेटिंग एरिया की फ्लोरिंग,ड्राइवर्स डोर मेट्री, गार्डरूम, शौचालय बनाया जा चुका हैं। इसके अतिरिक्त पहाड़ी के नीचे दो भव्य प्रवेश द्वार, मेला ग्राउंड पर भव्य दीपस्तंभ एवं 102 दुकानों का निर्माण किया जा चुका हैं।

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