2000 के नोट को बंद करने के पीछे का कारण स्पष्ट करें सरकार : ओम पटेल

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अनोखा तीर, हरदा। जिला कांग्रेस अध्यक्ष ओम पटेल ने बताया कि 8 नवंबर 2016 में भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार के विनाशकारी तुगलकी फरमान के बाद बहुत ही शानदार तरीके से पेश किए गए 2000 रुपए के नोट अब वापस लिए जा रहे हैं। 8 नवंबर 2016 का भूत एक बार फिर देश को परेशान करने के लिए वापस आ गया है। नोटबंदी का बहुत प्रचारित कदम इस देश के लिए एक बड़ी आपदा बना हुआ है। पीएम मोदी ने 2000 के नए नोटों के फायदे बताए थे आज जब छपाई बंद हैं और वापस लेने का निर्णय आरबीआई के लेने के बाद अब उन वादों का क्या हुआ? सरकार को इस तरह के कदम के पीछे अपनी मंशा बातानी चाहिए। केंद्र एवं प्रदेश की भाजपा सरकार अपने जनविरोधी एजेंडे को जारी रखे हुए हैं। जिलाध्यक्ष ओम पटेल ने कहा कि 2016 में नोटबंदी के बाद लोगों की नौकरी गई, जान गई और अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ। आमजनता को बहुत परेशान होना पड़ा था। भाजपा ने जो 2016 में दावा किया था कि कालाधन और भ्रष्टाचार खत्म होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 75 साल में नरेंद्र मोदी पहले ऐसे पीएम हैं जिन्होंने स्वयं के कार्यकाल में जो करेंसी लांच की वो अपने ही कार्यकाल में बंद भी कर दी। 2016 में जिस 2000 के नोट के लाभ भाजपा वाले बता रहे थे। अब उसके नुकसान बता रहे हैं, 2000 के नोट को बंद करने के पीछे का कारण क्या हैं सरकार को इसे स्पष्ट करना चाहिए।

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