सिंचाई विभाग के फरमान से बिगड़ी सिंचाई व्यवस्था

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अनोखा तीर, हरदा। भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि मंडल ने ग्रीष्मकालीन फसल में पानी के लिए जिले में मची त्राहि-त्राहि को देखते हुए एक 5 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन अपर कलेक्टर प्रवीण फुलपगारे को सौंपा। इस दौरान सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता शिशिर कुशवाह ने आज शाम तक हरदा जिले को 1800 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। भारतीय किसान संघ के जिला जल संसाधन विभाग प्रभारी दीपचंद नवाद ने बताया कि जब हमारे पास आज तवा डेम में ग्रीष्मकालीन मूंग फसल के लिए आरक्षित 855 एमसीएम का 40 प्रतिशत 344 एमसीएम पानी डैम में बचा है, अभी तक सिर्फ 60 प्रतिशत पानी खर्च हुआ है। अभी बचे हुए पानी से रेगुलर 22 दिन नहर और चलाई जा सकती है, तो सिंचाई विभाग वर्तमान में डैम से 3759 क्यूसेक पानी क्यों चला रहा है। जबकि अभी रेगुलर 4150 क्यूसेक पानी चलाया जा सकता है। वर्तमान में हो रही रिकॉर्डिंग अनुसार तवा डैम से 3759 क्यूसेक पानी में से नर्मदापुरम जिले द्वारा 32000 हेक्टेयर रकवे के लिए 2256 क्यूसेक पानी लिया जा रहा है। वही हरदा जिले के 37760 हेक्टेयर रकवे के लिए मात्र 1503 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है, जबकि हरदा जिले को 3759 क्यूसेक में से 1900 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए और 4150 क्यूसेक में से हरदा जिले को 2100 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए। यह सिंचाई विभाग की लापरवाह जल वितरण व्यवस्था को दर्शाता है, जिसमें अधीक्षण यंत्री के साथ-साथ नर्मदापुरम जिले के सिंचाई विभाग के अधिकारी भी दोषी हैं। यदि आज शाम तक हरदा जिले को 1800 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराते हुए संभागीय 48 घंटे की ओसराबंदी निरस्त नहीं की गई तो भारतीय किसान संघ उग्र आंदोलन करेगा, जिसकी समस्त जवाबदारी प्रशासन की होगी। ज्ञापन देते समय भारतीय किसान संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष नरेंद्र दोगने, विनोद पाटिल, आनंदराम किरार, दीपचंद नवाद एवं सिंचाई विभाग से अनुविभागीय अधिकारी मौसम पोर्ते तथा रोहित सोनी उपस्थित रहे।

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