अनोखा तीर, हरदा। कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसके तिवारी एवं डॉ.ओमप्रकाश ने ग्राम अबगांव कला, अतरसमा, बेसवां, कोलीपुरा, कुंजरगांव, रिजगांव, देवास व चारखेड़ा में किसानों के खेतों का नैदानिक भ्रमण किया। कृषि विज्ञान केन्द्र प्रमुख डॉ. संध्या मुरे ने बताया कि भ्रमण के दौरान कुछ खेतों में चित्तीदार फली छेदक इल्ली देखी गई, जो कि फूल एवं फली को नुकसान कर रही है। ऐसे खेतो में फ्लेक्सामेटामइड 10 प्रतिशत एस सी की 100 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें अथवा इनडोक्साकॉर्ब 14.5 एस सी 110 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। कुछ खेतों में भभूतिया रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, पत्तियों पर सफेद चूर्ण जमा हो रहा ऐसे भभूतिया रोग के लक्षण दिखाई देने पर टेबूकोनेजोल सल्फर 500 ग्राम प्रति एकड़ अथवा थायोफिनेट मिथाइल 70: डब्ल्यू.पी.400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से पावर पम्प में 100 से 125 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर छिड़काव करें। इसके साथ किसी अन्य रसायन टॉनिक आदि का मिश्रण न करें। खेतों की सतत निगरानी करते रहे, किसी प्रकार की समस्या दिखने पर कृषि विज्ञान केंद्र में संचालित कृषि ओपीडी में पौधों के नमूने लेकर वैज्ञानिकों से तकनीकी मार्गदर्शन प्राप्त कर करें।
Views Today: 10
Total Views: 134