आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं, वह शहर के सिविल लाइन स्थित नपा का जल वितरण केन्द्र है। जहां से कई इलाकों में पानी सप्लाई किया जाता है। इसी परिसर में एक लाल और एक सफेद दो टंकियां हैं। इनमें से एक सफेद टंकी का सिढाओं जर्जर होने के साथ ही गिरने की कगार पर है। यह समस्या महिने दो महिने से नही बल्कि लंबे समय से बरकरार है। राजधानी भोपाल में टंकी ढ़हने की घटना के बाद नपा प्रशासन सचेत हुआ था। यहां सफेद टंकी के नीचे निवासरत नपाकर्मियों के परिवार को खासकर जर्जर हिस्से के नीचे रहने वाले परिवारों से तुरंत जगह खाली कराई थी। परंतु इसके बाद सबकुछ ठंडे बस्ते में चला गया। क्योंकि टंकी का पुराना सिढ़ाओं अब भी जर्जर हालत में खड़ा है। जिसका प्लास्टर छड़ने के अलावा अंदर का लोहा भी दिखाई दे रहा है। इस बारे में नागरिकों ने सवालियां अंदाज में कहा कि जब नया सिढाओं तैयार हो चुका तो पुराने का क्या औचित्य ? जबकि पुराना सिढाओं बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। उसका कोई उपयोग भी नही कर रहा है। ऐसे में हवा-आंधी अथवा तेज बारिश दौरान उसके ढहने का डर रहता है। यही कारण है कि लोग इसे देखकर इतना जरूर कहते हैं, कि यह बात गलत है।
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