खंडवा :- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जिले के छालपी स्थित हेमकुंट फाउंडेशन से संबंधित 5.37 करोड़ की कृषि भूमि और भवन सहित अचल संपत्तियां अटैच कर ली है।
हेमकुंत फाउंडेशन के खिलाफ पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत जांच दिल्ली पुलिस के विशेष सेल द्वारा दर्ज की गई। प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की गई थी। यह आरोप लगाया गया था कि हेमकुंट फाउंडेशन ने कोविड राहत और ऑक्सीजन के नाम पर व्यक्तियों और कॉर्पोरेट्स से करोड़ों रुपए जुटाए। कोविड-19 की दूसरी लहर के चरम के दौरान आपूर्ति लेकिन दान को बेइमानी से निकाल लिया गया और व्यक्तिगत लाभ के लिए गतिविधियों के लिए उपयोग किया गया।
पीएमएलए के प्रावधानों के तहत निदेशालय द्वारा की गई जांच से पता चला कि हेमकुंट फाउंडेशन ने रुपए की भारी मात्रा में दान एकत्र किया। कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 से पीडि़त लोगों को राहत देने के बहाने बड़े कॉरपोरेट और आम जनता से 77.10 करोड़ रु. हेमकुंत फाउंडेशन ने इस प्रकार एकत्रित अधिकांश धन को फाउंडेशन की संपत्ति जैसे कि एफडी (17.32 करोड़ रुपये), गुरुग्राम में जमीन की खरीद (43 करोड़) और मध्य प्रदेश में भूमि खरीद और निर्माण गतिविधियों पर खर्च (5.37 करोड़ रुपये) की ओर मोड़ दिया।
खंडवा जिले में मांधाता क्षेत्र के छालपी गांव के पास लगभग 20 एकड़ जमीन खरीदी है। जहां पर स्कूल या कॉलेज बनाने का निर्माण कार्य चल रहा है। बताया गया कि पिछले 4 वर्षों से यह काम चल रहा है। प्रवर्तन निदेशालय ने यही जमीन और स्ट्रक्चर अटैच किया है। पूरी कार्रवाई ईडी के हेड क्वार्टर से हुई है। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी कोई जानकारी नहीं है।
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