जंगल महकमे के लिए दो बुरी खबर

गणेश पांडे, भोपाल। जंगल महकमे के लिए मंगलवार का दिन दुखद रहा। श्योपुर कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका की मादा चीता दक्षा मंगलवार की सुबह संभोग के प्रयास में नर चीता वायु और अग्नि के साथ हुए संघर्ष में उसकी मौत हो गई। दूसरी खबर सतना के मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी की है, विंध्य की शान सफेद टाइग्रेस विंध्या की उम्रदराज होने की वजह से मौत हो गई। दक्षा दक्षिण अफ्रीका के उन पांच चीतों में से एक थी, जो इसी महीने जंगल में छोड़े जाने वाली थी। दो महीने में चीते की यह तीसरी मौत है। दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञ ने कहा कि नर चीतों के लिए एक दूसरे के साथ-साथ मादा चीतों के प्रति आक्रामक व्यवहार प्रदर्शित करना असामान्य नहीं है। एमपी वन अधिकारी के बयान के अनुसार, मंगलवार को सुबह 10.45 बजे निगरानी टीम को मादा चीता दक्षा घायल अवस्था में मिली। पशु चिकित्सकों द्वारा इलाज किया गया, लेकिन दोपहर 12 बजे दक्षा की मौत हो गई। दक्षा चीता को एनक्लोजर नंबर 1 में छोड़ी गई थी। अधिकारिक जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के महानिरीक्षक डॉ.अमित मल्लिक, भारतीय वन्यजीव संस्थान के डॉ.कमर कुरैशी, दक्षिण अफ्रीका के प्रोफेसर और पशु चिकित्सक एड्रियन टोरडिफ और दक्षिण अफ्रीका के चीता मेटा जनसंख्या परियोजना प्रबंधक विन्सेंट वैन डेर मार ने कूनो नेशनल पार्क का दौरा किया और फैसला किया संभोग के लिए बाड़े संख्या 7 में मौजूद दक्षिण अफ्रीका के चीता नर अग्नि और वायु के बीच मादा चीता दक्षा को छोड़ा जाए, जिसके परिणामस्वरूप 1 मई को बाड़ों के बीच का गेट खुल गया। 6 मई को नर चीता बाड़ा क्रमांक- ७ से बाड़ा क्रमांक- १ में दाखिल हुआ था। प्रथम दृष्टया मादा चीता दक्ष पर पाए गए घाव संभवत: संभोग के दौरान नर के साथ हिंसक बातचीत के कारण प्रतीत होते हैं, संभोग के दौरान नर चीतों द्वारा मादा चीतों के प्रति हिंसक व्यवहार आम बात है। ऐसे में निगरानी टीम दखल नहीं दे सकती है। मप्र वन अधिकारी के बयान में कहा गया है कि मृत मादा चीता का पशु चिकित्सा दल द्वारा नियमानुसार पोस्टमार्टम किया जा रहा है।

इनका कहना है…

दक्षिण अफ्रीका विशेषज्ञ विन्सेंट वान डेर मेरवे ने कहा, फिंडा वयस्क पुरुष गठबंधन जिसमें वायु और अग्नि शामिल हैं, जिन्हें व्हाइट वॉकर भी कहा जाता है, ने फीमेल चीता दक्षा के साथ हिंसक व्यवहार किया। अफसोस की बात है कि इस घटना में दक्षा की जान चली गई। नर चीतों के लिए एक दूसरे के साथ-साथ मादा चीतों के प्रति आक्रामक व्यवहार प्रदर्शित करना असामान्य नहीं है।

विंध्य की शान सफेद बाघिन विंध्या की मौत

मध्य प्रदेश के सतना जिले में मौजूद मुकुंदपुर वाइट टाइगर सफारी एन्ड ज़ू में मातम का माहौल छाया है। मुकुंदपुर वाइट टाइगर सफारी की शान सफेद बाघिन विंध्या की मौत हो गई है। विंध्या इस टाइगर सफारी की सबसे पहली सफेद बाघिन थी, जिस पर पूरे वन अमले की जान बस्ती थी। विंध्या का मुकुंदपुर ज़ू परिसर में ही विधिवत अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान टॉप रैंक वन अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी भावुक मन से विंध्य की शान विंध्या के अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे थे। विंध्या मुकुन्दपर टाइगर सफारी की रानी थी। वह पहली सफ़ेद बाघिन थी जिसे यहां लाया गया था। विंध्या की उम्र लगभग 16 वर्ष थी, मगर वह काफी समय से बीमार चल रही थी। विंध्या को यहां 9 नवंबर 2015 को लाया गया था। तब वो लगभग 8 साल की थी। करीब 8 साल तक विंध्या को देखने वाले देश-विदेश से यहां पहुंचते रहे।

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