बाढ़ में बह गई डंगर बाड़ी 

दैनिक अनोखा तीर, हरदा। क्षेत्र में पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बेमौसम बारिश ने जहां गर्मी की तपन को ठंडी में तब्दील कर दिया है, वहीं ताल बाड़ी वाले फल सब्जी उत्पादक किसानों को तो लगभग तबाह ही कर दिया। ग्रीष्म ऋतु दौरान जिले की सीमा पर बहने वाली नर्मदा, गंजाल, मोरन, अजनाल जैसी नदियों की तलहटी में यहां के किसानों द्वारा पीढ़ियों से तरबूज, खरबूज की मौसमी खेती करने का कार्य किया जाता रहा है। पिछले कुछ सालों से यहां क्षेत्र के अन्य किसानों द्वारा यह फसल खेतों में पैदा की जाने लगी है। जिसके चलते बाजार में अलग अलग प्रजाति के तरबूज खरबूज सस्ते दामों पर उपलब्ध होने लगें। ऐसी स्थिति में तथा ग्रीष्म ऋतु दौरान सब्जियों की कमी को देखते हुए ताल बाड़ी के किसानों द्वारा बड़ी मात्रा में सब्जी उत्पादन का कार्य किया जाने लगा है। जिसके चलते बाजार में लौकी, गिलकी, टिंडे, करेले, चवला फली, ककड़ी जैसी अनेक सब्जियां भरपूर मात्रा में मिलने लगी है। लेकिन पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बेमौसम बारिश के कारण इन नदियों में अचानक तेज बहाव से पानी आने से नदियों की तलहटी में लगीं यह बाड़िया डूब गई।

उल्लेखनीय है कि गंजाल मोरन नदियों पर रोखड़ तलाई से गोदागाव नर्मदा संगम तक लगभग तीन चार सौ सब्जी उत्पादक किसानों द्वारा ताल बाड़ी लगाने का काम किया जाता है। जिसमें अधिकतर कहार, ढीमर, कीर ओर गोड समाज के गरीब भूमि हीन लोग होते हैं। यह वर्षों से इन नदियों में ताल बाड़ी लगाते हुए राजस्व विभाग को तोजी देते हुए अपना गुजर बसर करते आये है। यहां सब्जी उत्पादन करने वाले लक्षमण कहार ने बताया कि इस वर्ष हमारे उपर दोहरी मार पड़ी है। पहले मूंग के लिए पानी छोड़ने दौरान हमारी फसलों को नुक़सान हुआ था, लेकिन अब तो पूरी तरह तबाह हो गई है। ग्राम छिदगांव के तुलसीराम कहार, अनिल, सेतू, गरीबा, कमल ओर मुकेश कहार का कहना है कि नदी में आए तेज बहाव से पहले तो बेलों पर रेत मिट्टी चढ़ गई थी।‌ लेकिन अब तो उखड़ कर पानी के साथ बहने लगे है। इसी तरह इमरत, भरत व मनोहरी गोंड ओर संतोष कतिया आदि ने बताया कि हमारी तो अभी तक लागत भी नहीं निकली थी और पूरी फसल बर्बाद हो गई है। इस वर्ष वैसे ही उत्पादन अधिक होने के कारण बाजार में भाव नहीं मिल रहा था।‌ अब ईश्वर ने भी हम पर कहर बरपाया है।‌ ऐसी स्थिति में सरकार ही हमारा सहारा है। इन किसानों ने प्रदेश सरकार से ताल बाड़ी लगाने वाले किसानों का सर्वे कराते हुए राहत प्रदान करने की मांग की है।

 

चार दिन पहले लहलहा रही थी बाड़ियां, अब पानी पानी 

नदियों में ताल बाड़ी लगाने के कारण ही बाजार में भरपूर सस्ती सब्जियां मिल रही हैं। तरबूज, खरबूज की विभिन्न प्रजातियां भी 10-15 रुपए किलो में उपभोक्ताओं को खूब मिल रहें हैं। नर्मदा तट पर और गंजाल मोरन नदियों में चार दिन पहले फल सब्जियों की बाड़ियां खूब लहलहाते नजर आ रही थी। हरदा नर्मदापुरम मार्ग पर यात्रा करने वाले यात्री गंजाल नदी के पुल पास रुखकर फल सब्जी लेकर ही आगे यात्रा करते थे। लेकिन अब इन नदियों में बाड़ी की जगह पानी ही पानी नजर आ रहा है।

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