विकास पवार बड़वाह – नगर में नशा किस हद तक बढ़ चुका है इसका एक नजारा महेश्वर रोड स्थित नहर के समीप देखने को मिला । जहा कच्ची शराब की पन्नियों का लगा ढेर आबकारी और पुलिस विभाग की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है । वैसे तो नगर के अधिकतर स्थानों पर आसानी से अवैध शराब उपलब्ध हो रही है ।लेकिन अवैध शराब बेचने वाले अब पन्नी में शराब उपलब्ध करवा रहे है।हालाकि इस तरह की कच्ची शराब बिक्री के लिए नगर का जयमलपुरा,गवली मोहल्ला,जयंती माता रोड और भी कई स्थान इन दिनों फेमस हो चुके है ।जहा कम कीमत में नशेड़ियों को सस्ती और कच्ची शराब दिन के उजाले से लेकर रात के अंधेरे में बिना किसी रोक टोक के मिल रही है ।ऐसा नहीं की इन स्थानों से आबकारी और पुलिस विभाग वाकिफ नहीं है ।लेकिन इन विभाग के जिम्मेंदारा अधिकारी समय समय पर कार्यवाही कर अपनी जिम्मेदारी से इति श्री कर लेते है ।इसके बावजूद यह शराब का अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा ।जबकि कच्ची के साथ अंग्रेजी शराब भी नगर के ढाबों पर पिलाने का काम बस्तूर जारी है। हालाकि कुछ दिनो पहले ही थाना प्रभारी जगदीश गोयल ने नगर और आसपास के ढाबे संचालकों की बैठक लेकर ढाबों में शराब बिक्री बंद करने की हिदायत दी थी ।उसके बावजूद आज भी कई ढाबों पर शराब परोसने का काम जारी है ।
अवैध शराब बिक्री पर तात्कालीन टी आई ने लगाया था अंकुश —–
विगत सालो पहले बड़वाह थाने पर पदस्थ रहे तात्कालीन टी आई शशिकांत चौरसिया ने अपने कुछ समय के कार्यकाल में अवैध शराब से जुड़े कारोबारियों को थाना प्रभारी की ताकत का अहसास करवाया था ।जिसके चलते शहर ही नही आसपास के ग्रामीण इलाकों सहित अवैध शराब बिक्री से जुड़े कारोबारियों में भी थाना प्रभारी का भय बन चुका था ।जिसके कारण शहर में अवैध शराब पर पूरी तरह अंकुश लगने के साथ ही कुछ ढाबों पर कचोरी समोसे बिकना शुरू हो गए थे ।हालाकि श्री चौरसिया के स्थांतरण के बाद नगर ही नही ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब का कारोबार फिर से फल फूल रहा है ।जिस पर अंकुश लगाने वाले जिम्मेदार अब खामोश दिखाई दे रहे है ।
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