उपेक्षा से निराश हैं कांग्रेस कार्यकर्ता

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प्रदीप शर्मा हरदा। कहानी कुछ ऐसी है कि जितना सुलझाओ वो उलझती जाती है। एक ओर जहां भारत यात्रा करने वाली पदयात्री हरदा की युवा महिला नेत्री अवनी बंसल कांग्रेस पार्टी को जोड़ने निरंतर प्रयास कर रहीं हैं। चुनाव पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देशानुसार मंडलम और ब्लॉक स्तर पर संगठन को मजबूत की भी कोशिश की जा रही हैं। मगर पार्टी में ऊपर से लेकर निचले स्तर पर अभी भी इतना गड़बड़झाला है कि इसे संभालना मुश्किल है।

तस्वीर ऐसी और तसव्वुर कुछ ऐसा

देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल और संगठन कांग्रेस की पुरानी विरासत आज भी कायम है। पार्टी की विचारधारा और कार्यों के लिए बिना कोई पद लिए काम करने वालों की एक बड़ी फौज भी है। मगर लगातार उपेक्षा से मैदानी कार्यकर्ता निराश है। न तो इन कार्यकर्ताओं को कभी पूछा गया, और न हीं इनकी कोई पूछपरख हुई। कार्यकर्ताओं का कहना है कि हमें अपने क्षेत्रों में कार्य दौरान पार्टी स्तर से कोई सम्मान नहीं मिला। इन्हें बड़े नेताओं ने न तो माला पहनाई और न इनसे पल भर भी भेंट की। इस कारण हरदा और टिमरनी दोनों विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की हालत खराब है। खासकर ग्रामीण अंचल में किसान कांग्रेस के पदाधिकारी कैदार सिरोही जैसे नेताओं ने जमीनी स्तर पर विशेष ध्यान नहीं दिया। वहीं पार्टी के अन्य आनुसांगिक संगठन भी मैदान में पैठ नहीं जमा पाए। इससे संगठन की ग्रामीण क्षेत्र में हालत काफी कमजोर है। साथ में पार्टी स्तर पर भी नाराजगी है।

... तो बगावत करनी ही पड़ती है

यही कारण है कि पार्टी के नेताओं की उपेक्षा से निराश होकर ग्रामीण स्तर पर सभी कार्यकर्ताओं ने किनारा करना शुरू कर दिया है। हरदा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को ग्रामीण अंचल के कार्यकर्ताओं ने अपने परिश्रम और निजी संपर्कांे से जिंदा रखा है। मगर यहां भी अब बगावत के स्वर बुलंद हो रहे। ग्राम अहलवाड़ा, खरतलाई और चौकड़ी के जमीनी नेता व कार्यकर्ता महेंद्र सिंह गोदारा अहलवाड़ा ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष ओम पटेल को पत्र लिखकर पार्टी के लिए काम करने से इन्कार कर दिया है।

क्या लिखा पत्र में

उन्होंने कहा कि हम बचपन से कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं। मगर आज तक पार्टी आलाकमान ने उन्हें नहीं जाना। इस बेल्ट में हमने दूसरी पार्टी को कभी स्थान नहीं बनाने दिया। मगर जिला, ब्लाक और ग्राम स्तर पर भी हमारे योगदान को पार्टी संगठन ने कभी संज्ञान में नहीं लिया। उन्होंने कहा कि पार्टी के हाथ से हाथ जोड़ो अभियान में भी हमसे बात नहीं की। करताना अध्यक्ष विक्रम भाई को भी हमने अब काम करने से मना कर दिया है। हमसे संगठन द्वारा न तो प्रत्यक्ष और न ही कोई विचार शेयर किए जाते हैं। ऐसे यहां अनेक कार्यकर्ता निराश हैं। उन्होंने लिखा कि -जब सितम हद से बढ़ जाए तो बगावत करना ठीक है।

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