हमेशा याद आओगे दादा मधुकर हर्णे : मुख्यमंत्री

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अनोखा तीर, नर्मदापुरम। जिले में अपने खून पसीने से जनसंघ का बीज सिंचित करने वाले दादा मधुकर हर्णे सहज और सरल व्यक्तित्व के धनी थे। दादा मधुकर हर्णे भक्ति मार्ग, ज्ञान मार्ग और कर्म मार्ग के त्रिवेणी संगम थे। यह बात शुक्रवार को प्रदेश के पूर्व राजस्व राज मंत्री दादा मधुकर हर्णे की श्रंद्धाजलि सभा में पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि वर्ष 1980 के चुनाव में हमने कार्यकर्ता के रूप में काम किया था और दादा ने जीत दर्ज कराई थी। हालांकि छात्र जीवन से ही दादा के परिवार से जुड़ा होने के कारण उनके सहज स्वभाव से परिचित हूं। दादा के गीतों ने देश भक्ति और पार्टी को विकसित किया है। हंसमुख स्वभाव के दादा हर्णे की हंसी विधान सभा में गूंजना उनके स्वभाव को प्रदर्शित करता है, दादा तुम हमेशा याद आओगे। श्रद्धांजलि सभा में प्रभारी मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह, सांसद उदय प्रताप सिंह, विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा, सोहागपुर विधायक विजयपाल सिंह, पिपरिया विधायक ठाकुरदास नागवंशी, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष माया नारोलिया, नपाध्यक्ष नीतू महेंद्र यादव, पूर्व विधायक सरताज सिंह, गिरिजाशंकर शर्मा आदि ने दादा मधुकर हर्णे के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने स्व. हर्णे के निवास पहुंचकर उनकी धर्म पत्नी माधुरी हर्णे, पुत्र प्रशांत हर्णे, प्रसन्न हर्णे सहित परिजनों से भेंट की। अचानक हुई बारिश के बीच मुख्यमंत्री श्रद्धांजलि सभा स्थल पहुंचे।

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