यह बात गलत है….

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आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं, वह शहर के रिहायशी इलाके का दृश्य है। जहां सरकारी संपत्ति पर निजी संस्थानों का प्रचार-प्रसार देखने को मिलेगा। यह हाल केवल यही नही बल्कि विभिन्न इलाकों में दिखेगा। जहां सरकारी संपत्तियां प्रचार-प्रसार सामग्री से ढकी नजर आती हैं। वहीं प्रमुख चौक-चौराहों पर इस मनमानी के चलते दुर्घटना का डर बना रहता है। इस बारे में जागरूक नागरिकों ने कहा कि विद्युत पोल समेत अन्य शासकीय संपत्तियां प्रचार सामग्री से मुक्त की जाना चाहिये। संबंधितों को प्रचार-प्रसार का ये सबसे सस्ता व सरल उपाय लगता है। इसकी मुख्सय वजह प्रचार सामग्री लटकाने के बाद कोई कहने वाला नही रहता। यही कारण है कि ऐसी संस्थाओं के हौंसलें बुलंद हैं। वे मनचाही जगहों पर अपने बैनर-पोस्टर लटकाने से जरा नही चूकते। कोई कहें भी तो शासकीय संपत्ति का हवाला देकर नजरअंदाज कर देते हैं। प्रचार-प्रसार का यह तरीका देखकर लोग कहना नही चूकते, कि यह बात गलत है।

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