अनोखा तीर हरदा। रविवार को गुर्जर समाज ने पोथी पूजन कार्यक्रम में भुवाणा क्षेत्र के में विभिन्न गोत्रों को सूचीबद्ध कर इनमें हुए दीर्घकाल के अपभ्रंश को सुधारा। इस दौरान 85 गोत्रों का मंथन कर अपभ्रंशों को सुधार कर 75 गोत्र निर्धारित किए। इसके अलावा प्रत्येक गोत्र के गोत्र प्रमुख बनाए। इन गोत्रों का इतिहास संकलन कर उनकी वंशावली पोथी का निर्माण उनके राव करेंगे। यदि किसी गोत्र में राव नहीं मिले तो नया राव नियुक्त कर नई पोथी लिखवाकर उस परंपरा को पुनर्जीवित किया जाएगा। इससे उस गोत्र का इतिहास आने वाली पीढ़ी को ज्ञात होगा। गुर्जर महासभा अध्यक्ष रामशंकर पटेल ने इसे ऐतिहासिक आयोजन बताया। अभा वंशावली संरक्षण संवर्धन संस्थान जयपुर के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिग्पाल सिंह कुमार्डी ने कहा कि यह आयोजन न भूतो बल्कि अन्य समाज के लिए भविष्यति है। डॉ. नीलिम्प त्रिपाठी ने पितृ ऋण को वंश परंपरा में पितृपुराण करके चुकाने की शाश्वत सनातन धर्म के आख्यानों से व्याख्या की। गुर्जर समाज पर शोध कार्य करने वाली शिक्षिका डॉ. स्मिता मोरछले ने समाज की गोत्र परंपरा पर चर्चा कर गोत्रो के अपभ्रंश में भ्रांतियों को दूर किया। पूर्व विधायक डॉ. आरके दोगने ने अपने शोध में गुर्जर इतिहास को समाज के समक्ष रखा। कार्यक्रम में समाज के बच्चों ने वंशावली प्रतियोगिता में चार्ट बनाए। महिला मंडल अध्यक्ष सुलेखा भायरे ने बताया कि चार्ट बनाने वालों को एक कार्यक्रम आयोजित कर पुरस्कृत किया जाएगा। महासभा के सदस्य रामजीवन चौधरी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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