यह बात गलत है….

 

 

आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं, वह शहर के मुख्य मार्गो पर दिखाई देने वाला आम नजारा है। जब, लोडिंग वाहन का प्रायोजन बदलकर उसमें सवारी बैठाई जाती है। सवारी भी दो या चार नही बल्कि क्षमता से अधिक होती है, जो कि खतरों से भरा होने के साथ-साथ दुर्घटना को खुला न्यौता देने के बराबर है। जानकारी के अनुसार जिले का वनाचंल तथा बैतूल क्षेत्र से मजदूर यहां लाये आते हैं। जिन्हें संबंधित किसान अथवा ठेकेदार अपने वाहन से लेकर आते हैं। ऐसे समय पर यात्री वाहन काफी महंगा पड़ता है। जिसके चलते लोडिंग वाहन पिकअप का इस्तेमाल किया जाता है, जो सस्ता होने के साथ ही काम को अतिशीघ्र पूरा करता है। परंतु पिकअप में उसकी क्षमता से अधिक लोगों को बैठाना कई सवालों को जन्म देता है। लेकिन संबंधित लोग इस ओर जरा ध्यान नही देते हैं। वहीं दूसरी ओर शहरी सीमा से गुजरने वाले ऐसे वाहनों पर कोई नकेल नही कसी जा रही है। यही कारण है कि ऐसे लोगों के हौंसलें बुलंद हैं। लोडिंग वाहन में मजदूरों को यहां से वहां ले जाते वक्त लोग ये तंज कसना नही भूलते, कि यह बात गलत है।

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