जागो कर्मचारी जागो..
हरदा। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सरकार के उन आदेशों को निरस्त कर दिया है, जिनमें कर्मचारियों को गलत वेतनवृद्धि दिए जाने के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों से पैसा वापस के लिए कहा गया था। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि नौकरी में रहते वक्त यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि वेतनवृद्धि के रूप में जो पैसा दिया जा रहा है, वह ठीक है या नहीं? रिटायर होने के बाद बरसों पहले अधिक वेतनवृद्धि दिए जाने का हवाला देकर किसी सेवानिवृत्त कर्मचारी से इस तरह वसूली नहीं की जा सकती। जानकारी के अनुसार 2005-06 में कुछ कर्मचारियों को ज्यादा इन्क्रीमेंट दिया गया था। इस पर उन्होंने दूसरे अधिवक्ता आनंद अग्रवाल के माध्यम से कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इसमें उल्लेख किया कि वेतनवृद्धि का निर्धारण सरकार द्वारा किया जाता है। वेतनवृद्धि की राशि भी शासन स्तर से ही तय होती है। 10 से 15 साल पहले कितना वेतन दिया, वह सही था या नहीं? यह देखना तत्कालीन अधिकारियों की जिम्मेदारी थी। मामले में याचिकाकर्ता राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि रिटायर होने के बाद कर्मचारी को केवल पेंशन ही आय का साधन होती है। ऐसे में रिकवरी में सेवानिवृत्त कर्मचारी सक्षम नहीं होते।