रामनवमीं पर्व…. मंदिर में मना श्रीराम जन्मोत्सव

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अनोखा तीर, हरदा। शहर के गढ़ीपुरा स्थित गुरू गोंदवलेकर महाराज के 121 साल पुराने पट्टाभिराम मंदिर में गुरूवार को मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। राजस्थानी शैली में बने इस प्राचीन मंदिर में नारदीय परंपरा से हरी-कीर्तन कर राम के जन्म से लेकर वनवास और फिर राज्याभिषेक तक की कथा का सजीव चित्रण किया। महाराष्ट्र के बदलापुरा से आए गायक भक्ति समुद्र ने राम जन्मोत्सव विषय पर तथ्यात्मक जानकारी साझा की। इस दौरान मंदिर में मौजूद भक्तों ने भगवान श्रीराम के जयकारें लगाएं। इधर, दोपहर 12 बजे जैसे ही प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ। पूरा मंदिर परिसर जय-जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान मंदिर के पुजारियों ने भगवान के बाल रूप को वहां मौजूद महिला की गोद में दे दिया। इसके बाद उन्हें फूलों के पालने पर विराजमान किया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम के पालने को झूला देकर धर्मलाभ अर्जित किया। तत्पश्चात प्रसादी वितरण का कार्यक्रम हुआ।

प्रभु के राज्याभिषेक की कथा

चैत माह की रामनवमीं के मौके पर पट्ठाभिराम मंदिर में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम दौरान प्रभु के राज्याभिषेक की कथा कीर्तन के जरिये सुनाई। मंदिर समिति के सदस्य दिलीप गोडबोले के मुताबिक नारदीय परंपरा भजन की विशेष शैली होती है। जिसमें कीर्तन गद्य व पद्य दोनों में होता है। कथा कहते समय पद्य में गाया जाता है।

भक्तों ने बाल रूप के दर्शन किए

पट्टाभिराम मंदिर में प्रभु श्रीराम का जन्म होते ही गाजे-बाजे व मंदिर की घंटियां बजाकर जयघोष लगाएं गए। इस दौरान मंदिर में माता यशोदा के रूप में सजी एक महिला की गोद में श्रीराम के बाल रूप को बैठाया। फिर फूलों से सजे पालने में प्रभु श्रीराम को झूला देकर आनंद की अनुभूति की। इस मौके पर मंत्र व श्लोक गूंजायमान थे।

 

 

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