अनिल दीपावरे, मसनगांव। राशन दुकान से मिल रहे मुफ्त चावल में प्लास्टिक के चावल मिले हुए आ रहे हैं, जो गरीबों की सेहत से खिलवाड़ है। जानकारी के अनुसार राशन दुकान से जो चावल गरीबों को दिया जा रहा है उसमें प्लास्टिक के चावल मिले हुए आ रहे हैं, जिनका कलर अलग ही दिख रहा है। जिन उपभोक्ताओं को चावल मिलते हैं वह उनको बीनकर अलग कर असली चावल को पका कर खा रहे हैं, जिन लोगो को असली और नकली चावल में अंतर दिखाई देता है वह तो उसे अलग कर देते हैं, परंतु कई गरीब परिवार ऐसे हैं जिन्हें चावल में कोई अंतर नजर नहीं आता। जिस कारण वह प्लास्टिक वाले चावल भी पका कर खा रहे हैं। जिससे उनकी सेहत पर खराब असर पड़ सकता है। ग्राम में मजदूरी का कार्य करने वाली नीलबंती बाई ने बताया कि उन्हें राशन दुकान से जो चावल मिला था उसमें प्लास्टिक के चावल अलग ही नजर आ रहे थे। जिन्हें बीन कर अलग किया गया इसके बाद असली चावल को पका कर खाने योग्य बनाया। वहीं अन्य उपभोक्ताओं ने भी चावल में प्लास्टिक के चावल मिलने की शिकायत की है। ग्रामीण उपभोक्ताओं ने राशन दुकान से मिलने वाले चावल की जांच कर मिलावट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। इस संबंध में राशन दुकान संचालक मिश्रा ने बताया कि उन्हें जो अनाज राशन मिलता है, वह उसका वितरण करते हैं अभी तक कभी इस पर गौर नहीं किया। यदि मिलावट हो रही है तो ऊपर से हो रही है।
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