ये कैसी मां की ममता

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अनोखा तीर, हरदा। एक कलयुगी मां की ममता को शर्मसार करने का मामला सामने आया है। मां ने अपने नवजात दुधमुहे बच्चे को अस्पताल में डॉक्टर और नर्स के सुपुर्द कर लापता हो गई। बच्चे को अस्पताल की नर्सों और स्टाफ ने मां की तरह पाला। जब बच्चे को भर्ती कराया गया था तब उसका वजन एक किलो सात सौ ग्राम था। जिला अस्पताल के एसएनसीयू प्रभारी डॉ. दीपक दुगाया ने बताया कि देवास जिले के खातेगांव की महिला जिसने अपना नाम कमलती पति मांगीलाल बताया था, 19 फरवरी को अपने नवजात को लेकर यहां आई थी। समय से पूर्व जन्म लेने के चलते बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। बच्चे को एसएनसीयू वार्ड में एडमिट किया गया। इसके बाद एक-दो बार बच्चे की मां मिलने भी आई, लेकिन उसके बाद से बच्चे से मिलने ना तो उसकी मां और ना ही कोई अन्य परिजन अस्पताल पहुंचे। यहां वार्ड की नर्सों और डॉक्टरों ने बच्चे की देखभाल की। जब नवजात को भर्ती कराया था, तब उसका वजन १ किलो 700 ग्राम था। कुछ दिनों बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। जिससे उसका वजन घटकर १ किलो 500 ग्राम हो गया। उसे तीन दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया। मासूम ने रिकवर किया, अब उसका वजन फिर से १ किलो 770 ग्राम हो गया है। वार्ड में डॉक्टरों और नर्सों ने 38 दिन तक बच्चे की देखभाल की। बच्चे के स्वस्थ होने पर जब अस्पतालकर्मियों ने महिला के लिखवाए मोबाइल नंबर पर कॉल लगाया वो बंद आया। वहीं उसका दर्ज कराया पता भी फर्जी निकला। बच्चे के परिजनों की जानकारी न मिल पाने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी। जिला प्रशासन ने बच्चे को बाल कल्याण समिति को सौंपने का फैसला लिया। मंगलवार को मासूम को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया। बच्चे को देख-रेख के लिए खंडवा की संस्था में भेजा जा रहा है।

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