जगह-जगह हुए भंडारे, झूठी पत्तले उठाने की लगी बोलियां
खंडवा। अतिथि आवभगत के बाद दूसरे दिन जवारों का विधिपूर्ण ढंग से विसर्जन कर अंतिम विदाई दी गई। शहर के अलावा पूरे निमाड़ में आस्था के चलते वातावरण गणगौरमयी हो गया। गुलाल की बौछार व मदमस्त बैंड पर माता के गीतों की सुमधुर धुनें दर्शनार्थियों को सहसा ही अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। आस्था भरे माहौल में जवारों का पूजन कर गणगौर घाट पर विसर्जन किया गया। म्हारी रणुबाई सासर जाए जैसे गीत गाती महिलाओं ने नम आंखों से विदा कर जवारों का विसर्जन किया। माता की विदाई के पूर्व भंडारों का आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं को भोजन की पत्तल लगाने से लेकर उनकी झूठी पत्तलें उठाने को लेकर उत्साह देखा गया। झूठी पत्तल उठाने के लिए बढ़चढ़ कर बोलियां लगती रही और यह बोलियां हजारों रूपयों तक पहुंची। पत्तल उठाने वाले को भाग्यशाली माना जाता है और यह माना जाता है कि इस कार्य से पुण्य की प्राप्त होती है।
समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि निमाड़ में नौ दिनों तक पारंपरिक व सामूहिक रूप से मनाया गया। गणगौर पर्व अंतिम दिन जवारे विसर्जन के साथ संपन्न हुआ। रनुबाई-धनियर राजा को गाजे-बाजे व ढोल-ढमाकों के साथ मायके से विदाई दी गई। ढोल-ढमाकों के व युवा के उत्साह के साथ शहर का हृदय स्थल घंटाघर और बांबे बाजार पूरी तरह गणगौर मय हुआ और अलग-अलग क्षेत्रों व समाजों द्वारा सर पर रणुबाई और धनियर राजा के रथ लेकर निकली। अंत में गणगौर घाट पहुंचकर जवारों का विसर्जन नम आंखों से किया।
शहर की सड़कों पर गूंजे माता के जयकारे
नौ दिनों तक रनुबाई को माता पार्वती के रूप में अपने घर में रखने के बाद दसवें दिन जयकारों के साथ विदाई दी गई। पूरा निमाड़ गौर माता के जयकारों से गुंजायमान था मानो आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा हो। शहर के विभिन्न मार्ग रथों को गणगौर घाट ले जा रहे श्रद्धालुओं से सटे पड़े थे। श्रद्धालुओंं द्वारा माता के जवारों को रथों के साथ ले जाकर घाट पर पूजा-अर्चना कर विसर्जित किया गया।
झूठी पत्तलें उठाने की लगी बोलियां
गुरव समाज उत्सव समिति द्वारा अग्रवाल धर्मशाला में मां गणगौर भंडारे का आयोजन किया गया। यहां समाजजनों ने गणगौर माता की पूजा अर्चना कर भंडारे में प्रसादी ग्रहण की। इस दौरान भंडारे में झूठी पत्तल उठाने की बोलियां समाज के अंतिम काले, नारायण चोलकर, अजय परदेशी, विकास पांजरे, नरेन्द्र परदेशी सहित कई समाजजनों ने लगा कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। इस दौरान संरक्षक सोमनाथ काले, भरत कुवादे, दीपक शर्मा, घनश्याम निमाड़े, नवीन देवराय, जुगल सवणेर, छोटू चोलकार सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे। गणगौर उत्सव समिति बांबे बाजार कुम्हार मोहल्ला में गणगौर माता की पूजा अर्चना करते हुए झूले झुलाए गए। वहीं विशाल भंडारा भी आयोजितत हुआ जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की वहीं झूठी पत्तल दानदाताओं के परिवार द्वारा उठाई गई। लगातार भंडारे में श्रद्धालुओं की पत्तल उठाने की बोलियां लगातार लगती रही।
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