बलवाड़ा के परिवार ने बेटी को बोझ मानने वालों को दिया संदेश
खंडवा। जिले के एक परिवार ने बेटियों को बोझ मानने वालों को संदेश दिया है। बेटी का जन्म होने पर खुशी मनाते हुए मिठाइयां बाटी और अस्पताल से घर ले जाने जननी एक्सप्रेस को फूलों और बलून से सजाया। घर पर भी बिटिया के आने की खुशी में पटाखे फोड़े, एक दूसरे का मुंह मीठा कराया। इस मुस्लिम परिवार ने संदेश है कि बेटा और बेटी को बराबर माने। क्योंकि, बेटियां बोझ नहीं अल्लाह की रहमत होती है।
जिले के बलवाड़ा के रहने वाले इमरान और खारकलां की सलमा मंसूरी की शादी बीते साल 16 मार्च को हुई थी। मंगलवार 14 मार्च को खंडवा के श्री नंदकुमारसिंह चौहान मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के लेडी बटलर अस्पताल में सलमा ने एक बेटी को जन्म दिया। इसके बाद से ही इस परिवार में खुशियों का माहौल है। अस्पताल से छुट्टी होने के बाद ये बिटिया को मामा के घर खारकलां ले गए। इसके लिए इन्होंने जननी सुरक्षा वाहन की मदद ली। इस वाहन को इन्होंने दुल्हन की तरह सजाया। मिठाइयां बांटी गई, आतिशबाजी भी की गई। दोनों ही परिवारों में खुशियों का माहौल है।
कई वर्षों से जननी सुरक्षा वाहन चला रहे पायलट भी इस तरह का मामला सामने आने पर आश्चर्य और खुशी दोनों जाहिर कर रहे हैं। पायलट का कहना है कि इस तरह का अनोखा मामला पहली बार ही देखने में आया है। पहले तो मैं समझा कि बेटा होने की खुशी में वाहन को सजा रहे हैं। लेकिन, बाद में पता चला कि इनके यहां बेटी हुई है। ये अच्छी बात है कि ये परिवार बेटा और बेटी को एक समान मानता है।
Views Today: 4
Total Views: 32