स्वतंत्रता संग्राम की इमारत के नींव के पत्थर है हमारे जनजातीय नायक

 

जनजाति नायकों का स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान विषय पर केंद्रित एक दिवसीय संगोष्ठी एवं चित्र प्रदर्शनी कार्यक्रम में एस एन महाविद्यालय में संपन्न

सुनील जैन खंडवा- स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के नींव में जनजातियों नायक का अद्वितीय योगदान है जिनके बल पर भारत की स्वतंत्रता गौरवशाली प्राचीर का निर्माण हुआ। भारत अब इस इतिहास  को जानकर जनजातीय नायकों पर गर्व कर रहा है। उक्त विचार लवकुश मेहरा संयोजक राष्ट्रीय जनजातीय आयोग मध्य प्रदेश, भोपाल ने राष्ट्रीय जन जातीय आयोग, नई दिल्ली तथा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के निर्देशन में श्री नीलकंठेश्वर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित ‘स्वतंत्रता संग्राम में जनजातियों का योगदान’ विषय पर केंद्रित एक दिवसीय संगोष्ठी एवं चित्र प्रदर्शनी कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों के समक्ष मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए।
विशेष वक्ता के रूप में पधारे विक्रांत कुमरे, विधि सलाहकार, राजभवन ने जनजातीय नायकों के अवदान पर चर्चा करते हुए संवैधानिक प्रबंधों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला।
इससे पूर्व संस्था में पधारे अतिथि एवं संस्था प्राचार्य डॉ मुकेश जैन ने  गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तत्पश्चात राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने लोक नृत्य एवं लोकगीत के द्वारा अतिथियों का स्वागत सत्कार किया गया।
उपस्थिति अतिथियों ने जनजाति नायकों पर केंद्रित सुसज्जित विशेष प्रदर्शनी का फीता खोलकर शुभारंभ किया। संगोष्ठी कार्यक्रम में डॉ अपर्णा अग्रवाल के निर्देशन में जनजाति नायकों पर केंद्रित विशेष वीडियो का प्रदर्शन भी किया गया।
प्रारंभ में स्वागत भाषण अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ एस पी सिंह ने देते हुए स्वतंत्रता संग्राम की पृष्ठभूमि तथा जनजातीय नायकों के अवदान पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। सारस्वत वक्ता के रूप में वाणिज्य विभागाध्‍यक्ष डॉ गणेश प्रसाद दावरे ने विभिन्न सूक्तियों, उदाहरणों के द्वारा विद्यार्थियों को आंदोलित किया। अध्यक्षीय उद्बोधन के रूप में संस्था प्राचार्य डॉ मुकेश जैन ने जनजातीय नायकों के महत्व पर प्रकाश डाला। स्वयंसेवक अनुराग भास्करे ने जनजाति नायकों के अवदान पर स्वरचित कविता का पाठ किया। दिव्यांग स्वयंसेवक मोती सिंह राजपूत, परसराम कास्डे के दल ने देश भक्ति गीत का गायन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का संचालन पारंपरिक वेशभूषा में सुसज्जित शीतल राठौड़, रिया गुप्ता ने किया। कार्यक्रम का आभार टीआर ब्राह्मणे  ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम के केंद्र बिंदु वे विद्यार्थी रहे, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम नायकों की वेशभूषा में उपस्थित रहकर लोक नृत्य प्रस्तुत किया। इनमें राहुल साईंचर ने भगवान बिरसा मुंडा, संजू मोरे टंट्या मामा, चेतन प्रजापति ने ख्वाजा नायक, पंकज गार्गव ने रेंगा कोरकू, कपिल पांडे ने डॉ भीमराव अंबेडकर, रक्षा पटेल ने रानी लक्ष्मीबाई, सायना खान ने बेगम हजरत महल, रक्षा अंडेलकर ने रजिया सुल्तान, संजना सेन ने झलकारी बाई, पायल चौहान ने दुर्गा भाभी, रामपाल सिरदिया ने भगत सिंह, आकाश मांडले ने महात्मा गांधी, प्रवेश खांडे ने सरदार बिजौलिया, हेमा इंदौरे ने अवंतिबाई, संगीता सोलंकी ने देवी अहिल्याबाई की आकर्षक भूमिका का निर्वाह किया।

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