*सैकड़ों दोपहिया वाहन 50 से ज्यादा दोपहिया वाहनों का चलता हैकाफिला*
*इस रैली में अपने आप जुड़ने* *लगते हैं हजारोंलोग*
*आठनेर मुकेश सोनी*
क्षेत्र में इन दिनों जयस के कार्यकर्ताओं का जोश जुनून देखते ही बन रहा है एक महारैली के रूप में आदिवासी समाज के ग्रामों में जाकर अपनी रीति नीति की बातें कर अपनी भाषा में समाज के लोगों को सभी बातें बताते हैं एवं सभी के दुख दर्द में शामिल भी होते हैं आठनेर क्षेत्र में इन दिनों जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 19 के सदस्य रामचरण इरपाचे द्वारा इस महारैली की अगुवाई कर आदिवासी ग्रामों में इस महारैली की ऐसी आव भगत हो रही है जैसे कोई त्यौहार आ गया हो इस महारैली में प्रत्येक ग्राम के युवा साथी जो महाराष्ट्र जाकर काम धंधा करते हैं वे लोग भी इस रैली के अपने गांव आने की खबर लगते ही पहले से सभी अपने-अपने ग्रामों की ओर लौट गए हैं और इन ग्रामों में अभी होली दिवाली जैसा माहौल हो गया है जिससे यह रैली जिस गांव से होकर गुजरेगी उस गांव में आदिवासी समाज अपनी पूरी वेशभूषा एवं सामाजिक ताना-बाना के इस रैली का स्वागत वंदन करने के लिए आतुर है इसी के लिए आदि व्यवस्था हेतु सभी देर रात तक इस रैली के स्वागत सत्कार एवं चौपालों पर सभी सामाजिक बंधु अपने विचार रखकर जय सेवा जय जोहार के नारे के बीच मैं बड़े गजब का जज्बा इन युवा साथियों में जैसे ही यह यात्रा आठनेर विकासखंड के ग्राम दागोना से बोथी खेरवाड़ा होते हुए कोयला री पहुंची इन ग्रामों में ऐसा लगा जैसे कोई बहुत बड़ा नेता की महारैली आ रही हो क्या बड़े-बड़े डीजे बैंड बाजे पटाखों की भारी आतिशबाजी रंग गुलाल से सटे सड़के फूलों की ऐसी वर्षा होती है जैसे आप किसी ग्राम में नहीं किसी शहर में आए हो जगह-जगह नाश्ते चाय काफी की व्यवस्था महिलाएं अपने अपने घरों के आगे आरती रंगोली लेकर रैली के स्वागत की पूरी तैयारी घंटों इंतजार करती है उसके घर के आगे जब भी हमारे बड़े देव की रैली आएगी देव की पूजा अर्चना कर अपने आराध्य को देख पूरे स्पर्श करें इसके लिए सभी घंटों बैठते हैंजिस गांव से यह महारैली गुजरती है उन गांव के प्रत्येक घर बड़े देव की पूजा होना होता है इस हेतु इन सभी आदिवासी समाज के लोगों ने अपने घरों को रंगाई पुताई कर ग्राम के मुख्य सड़कों के दोनों और स्टाल लगाकर चाय पानी नाश्ते का पूरा इंतजाम किया गया है ज्ञात रहेगी महारैली में 10,000 से अधिक कार्यकर्ता एक साथ अपने-अपने वाहनों से चलते हैं वह इतने व्यवस्थित होते हैं कि एवं दूसरे समाज के लोगों का भी वे इस महारैली में अंग वस्त्र देकर स्वागत करते हैं इसमें बताते हैं कि पहले से ही तय होता है कि हजारों लोगों का भोजन व्यवस्था करना एवं जिस गांव में इस रैली का रोकने का इंतजाम होता है वहां 2 दिन पहले से ही सारी व्यवस्थाएं हो जाती है इस महारैली के आठनेर विकासखंड के ग्रामों में घूमना
कांग्रेस एवं भाजपा कि इस महारैली ने नींद उड़ा दी है राजनीतिक हलकों में दबी जुबान में इस क्षेत्र के कांग्रेसी एवं भाजपा के नेता यह कह नहीं पा रहा है किमा हरेली को कैसे रोकी जाए यह रैली अपने आप में ही एक रैला बन चुका है और देखते ही देखते हजारों की संख्या में इस रैली में यह लोग रहते हैं आने वाले समय में आदिवासी समाज किस राजनीतिक दल के साथ जाएगा यह तो आने वाला भविष्य ही बताएगा परंतु आदिवासी समाज में जागरूकता लाना और आदिवासी समाज का जागरूक होना एक नई इबारत लिखने जैसा आठनेर विकासखंड में दिखाई दे रहा है ज्ञात रहे कि माह रेली भीमपुर विकासखंड से भैसदेही विकासखंड और से आठनेर विकासखंड पहुंची है और यह तीनों विकासखंड आदिवासी विकासखंड माने जाते हैं अब देखना यह है कि आने वाला भविष्य किस पार्टी के ओर इन्हें मोड़ता है और यह आदिवासी समाज वोट के रूप में किसे अपना मत देकर अपना सिर मोर उसे बनाता है यह तो अब आने वाला भविष्य ही बताएगा
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