विकास पवार
बड़वाह – शासकीय डॉक्टर द्वारा निजी क्लीनिक संचालित किया जा रहा है तो उसे बंद करवा दीजिए। उन्हें कहिए कि अपनी सेवाएं अस्पताल में ही दें। समझाइश के बाद भी नहीं समझे, तो फिर उन पर नियम के अनुसार कार्रवाई करें। यह सख्त निर्देश बुधवार को अस्पताल का औचक निरीक्षण करने आए कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बड़वाह ब्लॉक के बीएमओ डॉ.राजेंद्र मिमरोट को दिए। सांसद प्रतिनिधि अशोक तिवारी,पार्षद रजनी भंडारी आदि द्वारा उन्हें अस्पताल की अनेक समस्याओं से अवगत कराया । बताया कि हड्डी विशेषज्ञ डॉक्टर दिनेश ठाकुर द्वारा अस्पताल में मरीजों को देखा जाता है। उनका एक्सरा भी यही होता है। लेकिन फैक्चर होने पर मरीज को पट्टा उनके निजी क्लीनिक पर चढ़ाया जाता है। इसके एवज में उनके द्वारा अधिकतम शुल्क लिया जाता है। और अस्पताल में पट्टे चढ़ाने का मटेरियल खत्म हो जाने का कारण बताया जाता है। जिसके कारण गरीब वर्ग का इंसान बेहद परेशान होता है। जबकि अस्पताल में आए दिन दवाइयों का भी टोटा रहता है। और बताया कि दांत का डॉक्टर तो है,पर यहां संसाधनों की कमी है। ओपीडी में मरीजोंं की संख्या अधिक होने के बावजूद कुछ डॉक्टर के भरोसे ही अस्पताल चल रहा है। जनप्रतिनिधियों की यह सब समस्या सुनकर समाधान हेतु कलेक्टर श्री कुमार ने अस्पताल के इंचार्ज डॉ.इंगला और लेखापाल अमित गुप्ता से व्यवस्था से लेकर आय-व्यय तक की जानकारी ली। साथ ही कई गंभीर विषयों पर स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ से विस्तार सेे चर्चा की। वही अस्पताल में समुचित व्यवस्था करने व उपचार सबंधित मटेरियल की सप्लाई सुचाारू रूप से चलाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के पहले कलेक्टर ने अस्पताल परिसर में आयोजित दिव्यांग प्रशिक्षण शिविर का भी जायजा लिया।
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