आठनेर मुकेश सोनी
ग्राम बिजोरी में चल रही रामकथा के तीसरे दिन शुक्ला जी ने बताया कि कलयुग के सारे पापों को नाश करने के लिए राम का नाम अग्नि का स्वरूप है जिस नाम के सहारे शंकर जी काशी की संम सान में बैठकर उस नाम के सहारे मरना आत्मा को मुक्त करते हैं जिस नाम के सहारे खगरा ज जटायु को मुक्ति मिली जिसनाम के सहारे पापी अजामिल का तारण तरण हुआ जिस नाम के सहारे भीलनी जैसी नारी को शरणागति मिली क्या उस नाम से कलयुग के मनुष्य का कल्याण नहीं हो सकता लेकिन उस नाम को भूल कर मनुष्य चारों तरफ भटक रहा है पर वह यह भूल गया है कि अंत में उसी नाम से उधार होगा कलयुग में नाना पथहोंगे और मनुष्य उन पर्थों में उलझ कर मुख्य मार्ग भूल गया है
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