कृषि मंत्री ने दिए सोहागपुर के मूंग घोटालेबाजों पर एफआईआर के निर्देश

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अनोखा तीर, हरदा/सेमरीहरचंद। प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल ने आज नर्मदापुरम कलेक्टर नीरज कुमार सिंह को सोहागपुर के मूंग घोटाले मामले में निर्भिक होकर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। कृषि मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सोहागपुर के ऋतु एवं सत्यम वेयर हाउस को ब्लेक लिस्टेड किया जाए। वहीं समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी बंद होने के बाद भी वेयर हाउसों में वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा ताला लगाकर चॉबी नहीं रखने तथा 30 सितंबर को खरीदी बंद होने के बावजूद वेयर हाउस खुला होकर उसमें रखे मूंग में नॉन एफएक्यू सढ़ा गला मूंग मिलाए जाने को गंभीर अपराध मानते हुए वेयर हाउस मालिक, वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन मैनेजर तथा समिति प्रबंधक के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाए। उल्लेखनीय है कि नर्मदापुरम जिले के सोहागपुर में ऋतु एवं सत्यम वेयर हाउस में मूंग खरीदी बंद होने के 12 दिन बाद भी वेयर हाउस खोलकर सढ़ा गला मूंग पाला कर मिलाने का मामला दैनिक अनोखा तीर द्वारा कृषि मंत्री कमल पटेल के संज्ञान में लाया गया। कृषि मंत्री श्री पटेल को इस मामले के विस्तृत जानकारी से अवगत कराने पर उन्होंने तत्काल नर्मदापुरम कलेक्टर नीरज कुमार सिंह तथा उप संचालक कृषि को दूरभाष पर इस मामले में तत्काल सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। मंत्री श्री पटेल ने उक्त अधिकारीद्वय को स्पष्ट रूप से कहा है कि इस मामले में किसी भी प्रकार के दबाव में आकर आरोपियों को बख्शा नहीं जाए।

गौरतलब है कि नर्मदापुरम के सोहागपुर स्थित ऋतु एवं सत्यम वेयर हाउस में समर्थन मूल्य खरीदी के 12 दिन उपरांत भी वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा अपना ताला नहीं लगाया गया था। वहीं आपसी सांठगांठ के चलते सढ़ा गला तथा कंकर, पत्थर युक्त मूंग लाकर खरीदे गए अच्छे मूंग में मिलाने का कार्य किया जा रहा था। इस बात की सूचना नर्मदापुरम कलेक्टर नीरज कुमार सिंह को मिली थी। सूचना पर कलेक्टर ने गत शुक्रवार के दिन ही एसडीएम मनोज ठाकुर के नेतृत्व में एक टीम को मौके पर जांच के लिए भेजा था। वहीं इससे पहले तहसीलदार श्रीमती अलका इक्का ने भी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर 380 बोरी सढ़े गले मूंग से भरी ट्राली को वेयर हाउस में रखे अच्छे मूंग में मिलाने से पहले ही पकड़ लिया था। बताया जाता है कि उपरोक्त दोनो वेयर हाउस राजनीति पहुंच पकड़ रखने वाले छाबडिय़ा परिवार के हैं। जिनकी राजनीतिक पकड़ के चलते अक्सर स्थानीय अधिकारी कार्यवाही करने से बचते रहते हैं। लेकिन आज यह संपूर्ण मामला कृषि मंत्री के संज्ञान में आने पर उन्होंने कलेक्टर को निर्भिक होकर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। खाद्यान्न सामग्री में मिलावट करने का छाबडिय़ा परिवार का यह पहला मामला नहीं है। बताया जाता है कि पूर्व में भी इस परिवार के एक सदस्य के खिचड़ीकांड में जहां दो बालिकाओं की अकाल मृत्यु हो गई थी, वहीं 400 लोग बीमार हुए थे। यह मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी आ चुका था।

अधिकारियों ने जांच में पाई गड़बड़ी
इस मूंग घोटाले के मामले में सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार आरके झरबड़े, तहसीलदार अतुल श्रीवास्तव ने जहां मूंग खरीदी बंद होने के बावजूद वेयर हाउस लाए गए कंकड़ पत्थर व बदबूदार मूंग की 380 बोरियां जब्त कर पंचनामा बनाया। वहीं तहसीलदार श्रीमती अलका इक्का ने कहा कि अभी तक 11 पंचनामे बनाकर कलेक्टर को भेजे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला प्रथम दृष्टया खरीदी गए मूंग में सढ़ा गला मूंग मिलाकर मिलीभगत से घोटाला करने का प्रतीत होता है। इस संपूर्ण मामले की जानकारी कलेक्टर को जांच कर प्रस्तुत की जा चुकी है। वहीं अपर कलेक्टर मनोज ठाकुर ने भी इसे गंभीर अपराध मानते हुए वेयर हाउस मालिक से लेकर वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन

तथा समिति प्रबंधक की मिलीभगत से एक चेन बनाकर घोटाला किया जाना माना है। श्री ठाकुर ने कहा कि मैं स्पष्ट रूप से तो इस मामले में फिलहाल कुछ नहीं कह सकता। लेकिन मूंग खरीदी बंद होने के बाद वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन को वेयर हाउस में अपना ताला लगाया जाना चाहिए था, वहीं बगैर अनुमति के खरीदी बंद होने के बाद वेयर हाउस नहीं खोला जाना चाहिए था। यह सत्य है कि खरीदी बंद होने के बावजूद वेयर हाउस में मूंग से भरी ट्राली पकड़ी गई है। वहीं संबंधित समिति का एक कर्मचारी भी मौजूद था। इन निजी वेयर हाउसों में स्टेट वेयर हाउसिंग प्रबंधन ने अपने ताले नहीं लगाए थे और वेयर हाउस मालिक के ताले लगे होने से चॉबी उन्हीं के पास थी। ऐसी स्थिति में वेयर हाउस प्रबंधन भी स्पष्ट रूप से दोषी तो है।
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