अनोखा तीर, हरदा। एक दिन पहले डॉ भीमराव अंबेडकर शासकीय उच्चतर विद्यालय परिसर में100 सीटर छात्रावास बच्चों की आवासीय सुविधा के लिए लोकार्पित हुआ। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक एवं प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय सांसद डीडी उइके ने की। उनके साथ अन्य निर्वाचित जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, अधिकारी-कर्मचारी एवं भाजपा पदाधिकारी मौजूद थे। परंतु, इन सबके बीच लोकार्पण कार्यक्रम का आमंत्रण पत्र एवं शिलालेख चर्चा का विषय बन गई है। लोग शिलालेख का फोटो वायरल कर प्रोटोकॉल की अनदेखी को उजागर कर रहे हैं। जिस पर लोग दबी जुबान में चुटकी ले रहे हैं। दरअसल, ये पूरा मामला 100 बिस्तरीय छात्रावास के लोकार्पण कार्यक्रम को लेकर मुद्रित आमंत्रण पत्र एवं शिलालेख ने मचाया है। क्योंकि, कार्यक्रम के आयोजक ने आमंत्रण पत्र और शिलालेख पर टिमरनी विधायक संजय शाह एवं जिपं अध्यक्ष गजेन्द्र शाह का नाम भाजपा जिलाध्यक्ष अमरसिंह मीणा के नाम के नीचे लिखा है। जबकि प्रोटोकॉल अंतर्गत शासकीय आयोजन में जनप्रतिनिधियों का नाम क्रमबद्ध लिखा जाता रहा है। लेकिन इस बार थेाड़ा अलग देखने को मिला है। यही वजह है कि जरा सी चूक ने चर्चाओं का बाजार गर्मा दिया है।
पल्ला झाड़ते नजर आए अधिकारी
अब, जब सवाल उठे तो जिम्मेदार एक-दूसरे पर पल्ला झाड़ते नजर आए। आमंत्रण पत्र के नीचे प्रेषक प्राचार्य डॉ भीमराव अंबेडकर लिखा होने के कारण सबसे पहले प्राचार्य जीपी सोनी से चर्चा की। तो उन्होंनें सबकुछ उनके द्वारा जारी किए जाने की बात कही। लेकिन इन दोनों जगह पर प्रोटोकॉल में हुई चूक के बारे में जब उन्हें बताया तो श्री सोनी ने छूटते ही कहा कि ये सब बड़े कार्यालय से तय हुआ है। यानी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय। इसके बाद शिक्षा अधिकारी एलएन प्रजापति से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंनें बताया कि कार्यक्रम शासकीय था। यह भी कहा कि भवन निर्माण एजेंसी पीआईयू थी, जिसने पूरे कार्यक्रम की व्यवस्था की। श्री प्रजापति से जब पूछा कार्यक्रम की व्यवस्थाएं पीआईयू ने की, ये सब ठीक है। किंतु आमंत्रण पत्र एवं शिलालेख छपवाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की थी ? जिसका श्री प्रजापति ने स्पष्ट जबाव नही दिया। खैर, ये सब वही जनप्रतिनिधि जाने। हमने तो सिर्फ उन सवालों का जबाव तलाशने का प्रयास किया, जो आम जनता के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है।