रुक्मणि विवाह में श्रद्धालुओं ने किया कन्यादान

अनोखा तीर, खातेगांव। इस कलियुग में भी ईश्वर अपने हजारों नेत्रों से हमारे कार्यों को देखता है। माता पार्वती ने जब भगवान शिव से प्रश्न किया था कि कलिकाल में मनुष्य के कर्मों को कैसे देख पाएंगे। मनुष्य के कार्यों को कैसे समझ पाएंगे। तब महादेव ने कहा था कि कलिकाल में हजारों नेत्र से ईश्वर के पास वाले व्यक्तित्व की पहचान होगी, कलयुग में हमारे हर कार्य भगवान की नजर में है। कलयुग में राम नाम से ही मानव का बेड़ा पार होगा। भगवान को भजने व ध्यान करने से हमारा उद्धार होगा। जिन पर भगवान की कृपा होगी वही भगवान के कार्य कर सकेंगे। अगरदा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में पंडित धर्मेंद्र व्यास ने उपस्थित जनसमूह को श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराते हुए भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला का गुणगान किया। कंस वध की कथा सुनाई। रुक्मणि हरण, जरासंध वध, की कथाओं का वर्णन किया। इस दौरान दूर-दूर से श्रद्धालुओं ने पहुंचकर कथा का रसपान किया। कथा परिसर में रुक्मणि एवं भगवान श्रीकृष्ण का विवाह हुआ। जिसमें उपस्थित जनसमूह ने कन्यादान किया। इस मौके पर कथा के मुख्य यजमान रमेशचंद चौरसिया अगरदा ने पंडित जी को मोटरसाइकिल भेंट की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कन्यादान किया। कथा परिसर नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि नरेंद्र चौधरी, पार्षद प्रतिनिधि रामनारायण साहू, मुकेश गिरी, श्रमजीवी पत्रकार संघ खातेगांव ब्लॉक अध्यक्ष प्रदीप साहू, वरिष्ठ पत्रकार श्रवण पवार सहित अनेक श्रद्धालुओं ने पहुंचकर व्यासपीठ का पूजन किया। उपस्थित अतिथियों का कथा परिसर में दुपट्टा ओढ़ाकर स्वागत व सम्मान किया गया। कथा की पूर्णाहुति एवं भंडारे का आयोजन 8 सितंबर को होगा। भंडारे में सभी श्रद्धालु शामिल होकर महाप्रसाद का लाभ अर्जित करें।
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