ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
न्यायालय ने दोषी ससुर शब्बीर पिता शेर खां आयु 75 वर्ष, सास आमना बी पत्नी शब्बीर खां आयु 70 वर्ष को धारा 498-भादवि में 03 वर्ष कठोर कारावास 302 भादसं में आजीवन कारावास एवं धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में 02 वर्ष का कठोर कारावास, आठ हजार रुपये अर्थदण्ड एवं पति ईस्तयाक खां आयु 29 वर्ष, जेठ मुस्ताक खां आत्मज शब्बीर खां आयु 33 वर्ष, देवर इरशाद खां उर्फ अस्फाक खां आयु 25 वर्ष, जेठानी शन्नो बी पत्नी मुस्ताक आयु 31 वर्ष को धारा 498 ए में 03 वर्ष का कठोर कारावास व 304 बी भादस में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में 02 वर्ष का कठोर कारावास कुल अर्थदण्ड 16 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
6 साल पुराना है मामला
पीड़ित के परिजनों ने 24 दिसंबर 2016 को थाना नसरुल्लागंज में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके अनुसार मृतका का विवाह 11 अप्रैल 2015 को इस्तियाक खां पिता शब्बीर खां निवासी निम्नागांव के साथ हुआ था। विवाह के छह महीने बाद ही ससुराल पक्ष रेहाना को दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। ससुराल वाले मृतका रेहाना से कहते थे कि तुम्हारे पिता ने दहेज में कुछ नहीं दिया है। ससुराल पक्ष मृतका पर 50 हजार रुपये नगद और गैस कनेक्शन लेकर आने के लिए दबाव बना रहे थे। मांग पूरी नहीं होने पर मृतका के साथ मारपीट करते थे। 24 दिसंबर 2016 को सुबह 9.00 बजे मृतका का देवर असफाक, जेठ मुस्ताक एवं जेठानी शन्नो बी से लड़ाई झगड़ा हो गया, इसी दौरान सास आमना बी एवं ससुर शब्बीर खां ने मिट्टी का तेल डालकर उसे आग में जला दिया, इलाज के दौरान रेहाना की मौत हो गई थी। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना नमरूल्लागंज में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था।
विस्तार
सीहोर में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश नसरुल्लागंज वैभव सक्सेना ने छह साल पुराने एक दहेज प्रताड़ना के केस में बहू को केरोसिन डालकर जिंदा जलाने वाले सास-ससुर को आजीवन कारवास की सजा सुनाई है, जबकि पति समेत चार दोषियों को 10 साल कैद की सजा सुनाई है।
न्यायालय ने दोषी ससुर शब्बीर पिता शेर खां आयु 75 वर्ष, सास आमना बी पत्नी शब्बीर खां आयु 70 वर्ष को धारा 498-भादवि में 03 वर्ष कठोर कारावास 302 भादसं में आजीवन कारावास एवं धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में 02 वर्ष का कठोर कारावास, आठ हजार रुपये अर्थदण्ड एवं पति ईस्तयाक खां आयु 29 वर्ष, जेठ मुस्ताक खां आत्मज शब्बीर खां आयु 33 वर्ष, देवर इरशाद खां उर्फ अस्फाक खां आयु 25 वर्ष, जेठानी शन्नो बी पत्नी मुस्ताक आयु 31 वर्ष को धारा 498 ए में 03 वर्ष का कठोर कारावास व 304 बी भादस में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में 02 वर्ष का कठोर कारावास कुल अर्थदण्ड 16 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
6 साल पुराना है मामला
पीड़ित के परिजनों ने 24 दिसंबर 2016 को थाना नसरुल्लागंज में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके अनुसार मृतका का विवाह 11 अप्रैल 2015 को इस्तियाक खां पिता शब्बीर खां निवासी निम्नागांव के साथ हुआ था। विवाह के छह महीने बाद ही ससुराल पक्ष रेहाना को दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। ससुराल वाले मृतका रेहाना से कहते थे कि तुम्हारे पिता ने दहेज में कुछ नहीं दिया है। ससुराल पक्ष मृतका पर 50 हजार रुपये नगद और गैस कनेक्शन लेकर आने के लिए दबाव बना रहे थे। मांग पूरी नहीं होने पर मृतका के साथ मारपीट करते थे। 24 दिसंबर 2016 को सुबह 9.00 बजे मृतका का देवर असफाक, जेठ मुस्ताक एवं जेठानी शन्नो बी से लड़ाई झगड़ा हो गया, इसी दौरान सास आमना बी एवं ससुर शब्बीर खां ने मिट्टी का तेल डालकर उसे आग में जला दिया, इलाज के दौरान रेहाना की मौत हो गई थी। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना नमरूल्लागंज में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था।
Views Today: 2
Total Views: 40