नई दिल्ली. दोपहर की बड़ी खबर के अनुसार अब से कुछ देर पहले, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी (Nancy Pelosi), ताइवान (Taiwan) के ताइपे हवाई अड्डे से अमेरीका के लिए वापस रवाना हो गईं हैं। इसी बीच अमेरिका की प्रतिनिधिसभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा से खफा चीन ने अमेरिकी राजदूत को तलब कर मामले पर कड़ा विरोध व्यक्त किया है।
गौरतलब है कि चीन के विरोध के बावजूद पेलोसी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ताइवान में कई नेताओं के मुलाकात कर रहा है। वहीं, अमेरिका की प्रतिनिधिसभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने आज यानि बुधवार को ताइवान में कहा कि, अमेरिका स्वशासी द्वीप के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे नहीं हटेगा।
#WATCH | US House Speaker Nancy Pelosi leaves from Taiwan after meeting Taiwanese President Tsai Ing-wen, in Taipei pic.twitter.com/5iSWfnupfQ
— ANI (@ANI) August 3, 2022
आज ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन के साथ मुलाकात के बाद एक संक्षिप्त बयान में उन्होंने कहा, “आज विश्व के सामने लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच एक को चुनने की चुनौती है। ताइवान और दुनियाभर में सभी जगह लोकतंत्र की रक्षा करने को लेकर अमेरिका की प्रतिबद्धता अडिग है।”
बता दें कि, ताइवान को अपना क्षेत्र बताने और ताइवान के अधिकारियों की विदेशी सरकारों के साथ बातचीत का विरोध करने वाले वाले चीन ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के मंगलवार रात ताइवान की राजधानी ताइपे पहुंचने के बाद द्वीप के चारों ओर कई सैन्य अभ्यासों की घोषणा की और कई कड़े बयान भी जारी किए हैं।
हालाँकि उधर चीन और अमेरिका में ताइवान को लेकर बन रहे जंग जैसे हालात के बीच अब पाकिस्तान ने भी खुलकर ड्रैगन का साथ निभाया है। दरअसल पाकिस्तान ने कहा कि, वह एक चीन की नीति का समर्थन करता है। साथ चीन के संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के अधिकार के पक्ष में है। पाकिस्तान ने कहा कि ताइवान स्ट्रेट में हालात को देखकर वह बहुत ज्यादा चिंतित है और अपने मित्र चीन के साथ खड़ा है।
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