मौसम केंद्र की रिपोर्ट कहती है कि पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के शहडोल संभाग के जिलों में अधिकांश स्थानों पर, रीवा-सागर-जबलपुर-नर्मदापुरम-भोपाल-ग्वालियर संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर, चंबल संभाग के जिलों में कुछ स्थानों पर तथा इंदौर-उज्जैन संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई। अमानगंज, अमरकंटक, विदिशा, पचमढ़ी में 7, कुंभराज में 6, आरोन, चाचौड़ा, सिवनी, अमरपाटन, गुनौर, बीना में 5, सतना, पवई, बाजाग, जयसिंहनगर, नागौद, शहडोल, उमरियापान, सीहोरा, भितरवार, बमौरी, नटेरन में 4 सेंटीमीटर तक पानी गिरा है।
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार शुक्रवार 22 जुलाई को 2 संभागों समेत 10 जिलों में गरज चमक के साथ भारी बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। इसमें रायसेन, राजगढ़, बैतूल, अनूपपुर, शहडोल, जबलपुर, दमोह, सागर, छतरपुर और दमोह में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं रीवा, सागर, भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर, चंबल संभाग में बिजली गिरने और चमकने के लिए अलर्ट जारी किया गया है। 22 जुलाई तक भोपाल, इंदौर और जबलपुर में गरज-चमक साथ हल्की बारिश हो सकती है।
मौसम जानकारों की मानें तो वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। उत्तरी पाकिस्तान पर चक्रवात के रूप में बना पश्चिमी विक्षोभ हिमाचल प्रदेश पर सक्रिय हो गया है। झारखंड और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में मौजूद एक चक्रवात उत्तरी ओडिशा पर पहुंच गया है। मानसून ट्रफ गंगानगर, सीधी, अंबिकापुर, बालासोर से ओडिशा पर बने चक्रवात से होकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। हरियाणा पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। ये सभी मप्र के मौसम को प्रभावित कर रहे हैं।
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