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मध्य प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव के दौरान बैतूल-हरदा सांसद दुर्गादास उइके के फर्जी लेटर हेड पर दो कर्मचारियों का ट्रांसफर हो गया। इसकी जानकारी लगने पर खुद सांसद ने फर्जी लेटर के मामले में बैतूल पुलिस को एफआईआर दर्ज करने पत्र लिखा। लेकिन एक महीने बाद भी सांसद एफआईआर दर्ज नहीं करा पा रहे है।
निकाय चुनाव में राज्य निवार्चन आयोग को सांसद दुर्गादास उइके का फर्जी पत्र भेजा गया। इसमें नगर परिषद मुतलाई में सहायक राजस्व निरीक्षक के पद पर पदस्थ संतोष शिवहरे और दुर्गासिंह चंदेल दोनों का ट्रांसफर करने को लिखा गया। इसका कारण दोनों के दूसरी राजनीति विचारधारा का बताया गया। इस पर दोनों का ट्रांसफर हो गया। लेकिन जब सांसद को पता चला तो उन्होंने कोई पत्र नहीं लिखने की बात कही। साथ ही पुलिस को फर्जी लेटर हेड पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही। इसके बाद से अब तक एक महीने बाद भी पुलिस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है।
बैतूल एसपी सिमाला प्रसाद का कहना है कि राज्य निर्वाचन आयोग से मूल दस्तावेज अभी तक नहीं मिले है। इसलिए एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
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मध्य प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव के दौरान बैतूल-हरदा सांसद दुर्गादास उइके के फर्जी लेटर हेड पर दो कर्मचारियों का ट्रांसफर हो गया। इसकी जानकारी लगने पर खुद सांसद ने फर्जी लेटर के मामले में बैतूल पुलिस को एफआईआर दर्ज करने पत्र लिखा। लेकिन एक महीने बाद भी सांसद एफआईआर दर्ज नहीं करा पा रहे है।
निकाय चुनाव में राज्य निवार्चन आयोग को सांसद दुर्गादास उइके का फर्जी पत्र भेजा गया। इसमें नगर परिषद मुतलाई में सहायक राजस्व निरीक्षक के पद पर पदस्थ संतोष शिवहरे और दुर्गासिंह चंदेल दोनों का ट्रांसफर करने को लिखा गया। इसका कारण दोनों के दूसरी राजनीति विचारधारा का बताया गया। इस पर दोनों का ट्रांसफर हो गया। लेकिन जब सांसद को पता चला तो उन्होंने कोई पत्र नहीं लिखने की बात कही। साथ ही पुलिस को फर्जी लेटर हेड पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही। इसके बाद से अब तक एक महीने बाद भी पुलिस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है।
बैतूल एसपी सिमाला प्रसाद का कहना है कि राज्य निर्वाचन आयोग से मूल दस्तावेज अभी तक नहीं मिले है। इसलिए एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
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