[ad_1]
Hindi NewsLocalMpBhopalGunaThe Battle For Supremacy Between Two Women Leaders; Once Digvijay Singh Became CM By Winning From This Seat.गुना26 मिनट पहलेजिले की चांचौड़ा विधानसभा एक बार फिर चर्चा में है। वजह है यहां के दो राजनैतिक परिवार फिर आमने-सामने हो गए हैं। दो महिला नेत्रियां अपने वर्चस्व के लिए लगातार प्रयासरत हैं। रोचक बात है कि दोनों के पति प्रशासनिक सेवाओं से संबंधित हैं। एक महिला नेत्री के पति रिटायर्ड IPS हैं, वहीं दूसरी नेत्री के पति IRS हैं। एक नेत्री इस इलाके से विधायक रह चुकी हैं, तो दूसरी जिला पंचायत के रास्ते राजनीति में अपनी एंट्री करने के लिए प्रयास कर रही हैं। यह वही सीट हैं जहां से जीतकर कभी दिग्विजय सिंह प्रदेढ़ के CM की कुर्सी पर आसीन हुए थे।पहले जानिए दोनों महिला नेत्रियों कोममता मीना: इनका नाम इलाके के दबंग नेताओं में लिया जाता है। वर्तमान में वे BJP किसान मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य हैं। इनकी राजनीति की शुरुआत जिला पंचायत के जरिये हुई। यहीं के वार्ड से जीतकर वह जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं। उस समय जिला पंचायत के 14 वार्ड में से केवल 2-3 पर ही BJP समर्थक जीते थे। इसके बावजूद भी ममता मीना अध्यक्ष बनने में कामयाब रहीं। 2013 में वह BJP के टिकट पर चांचौड़ा जीतकर विधायक बनीं। 2018 के चुनाव में दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह से वह चुनाव हार गईं। उनके पति रघुवीर सिंह मीणा IPS रहे हैं। कुछ महीनों पहले ही वह रिटायर हुए और तभी से वह कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में अपनी पत्नी के साथ शामिल रहते आ रहे हैं।ममता मीना और उनके पति रघुवीर सिंह मीणा।प्रियंका मीना(पेंची): यह चांचौड़ा क्षेत्र की राजनीति में नया नाम है। पिछले लगभग एक वर्ष से वे इलाके में सक्रिय हुई हैं। उनके पति प्रद्युम्न सिंह मीना IRS हैं और वर्तमान में दिल्ली में डिप्टी कमिश्नर के पद पर पदस्थ हैं। प्रियंका मीना इन दिनों जिला पंचायत में एंट्री के लिए प्रयास्कर रही हैं। सूत्र बताते हैं कि वह BJP के भी संपर्क में हैं और संभवतः BJP का दामन थामकर ही वह राजनीति में अपनी एंट्री लेंगी। पिछले एक वर्ष से वह क्षेत्र का लगातार दौरा कर राय हैं और लोगों से मिल रही हैं।IRS प्रद्युम्न मीना के साथ उनकी पत्नी प्रियंका पेंची।क्या है झगड़ा?चांचौड़ा इलाका मीना समाज बाहुल्य इलाका है। इसकी काफी सीमा राजस्थान से मिलती है। पिछले 20 वर्षों में यहां अधिकतर मीना समाज का व्यक्ति ही विधायक रहा है। वर्ष 2018 में यह परिपाटी टूटी जब दिग्गी के भाई लक्ष्मण सिंह यहां से चुनाव जीते। ममता मीना यहीं से अपनी राजनीति की शुरुआत कर जिला पंचायत पहुंचीं और फिर MLA भी बनीं। इसी क्षेत्र की एक और महिला नेत्री अर्चना चौहान भी चुनाव जीतकर जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं। पिछले दो टर्म से जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर इसी इलाके के नेता का कब्जा है। वहीं अब प्रियंका मीना भी जिले की राजनीति में एंट्री की तैयारी कर रही हैं। वह भी शुरुआती रास्ता जिला पंचायत को ही मान रही हैं।अगर यह होता है तो ममता मीना को एक और प्रतिद्वंदी से दो-चार होना पडेगा। चांचौड़ा विधानसभा में वैसे भी इस बार BJP की तरफ से कई नेता प्रयास कर रहे हैं। इनमे खुद ममता मीना, मधुसूदनगढ़ राजघराने के सदस्य और दिग्गी परिवार के भतीजे रुद्रदेव सिंह सक्रिय हैं। वहीं प्रियंका मीना भी BJP के संपर्क में हैं और पार्टी में एंट्री के लिए समय का इंतजार कर रही हैं। यही राजनैतिक प्रतिद्वंदिता इस इलाके में अक्सर चर्चित रहती है।दिग्गी यहीं से जीतकर बने CMजिले में चांचौड़ा विधानसभा हमेशा हॉट सीट रही है। 1993 में जब दिग्विजय सिंह को प्रदेश का CM बनाया गया तो यही सीट उनके लिए खाली की गई। तत्कालीन कांग्रेस विधायक शिवनारायण मीना ने उनके लिए अपनी सीट खाली की। इसके बाद दिग्गी यहीं से जीतकर विधानसभा के सदस्य बने। उसके बाद से ही यह इलाका कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। 2013 में ममता मीना ने BJP के टिकट पर चुनाव जीतकर इस गढ़ में अपनी सेंध लगाई थी।खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link
Views Today: 2
Total Views: 52